राजस्थान में बनेगा तेली घाणी विकास बोर्ड, अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को 15 रेजिडेंशियल स्कूलों की सौगात

अशोक गहलोत ने तेली समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक उन्नति के लिए ‘राजस्थान राज्य तेली घाणी विकास बोर्ड‘का गठन किया है.

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जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले गहलोत सरकार लगातार अलग-अलग समाज विशेष के लिए बोर्ड और आयोग का गठन कर रही है. इसी कड़ी में हाल में सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान राज्य तेली घाणी विकास बोर्ड के गठन को स्वीकृति दी है जहां राज्य सरकार द्वारा तेली समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक उन्नति के लिए ‘राजस्थान राज्य तेली घाणी विकास बोर्ड‘का गठन किया गया है.

मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा गठन के आदेश जारी कर दिए गए हैं. इसके अलावा सीएम ने 15 अल्पसंख्यक बालक/बालिका राजकीय आवासीय (रेजिडेंशियल स्कूल) स्कूलों के निर्माण, प्रदेश में 3 नए सरकारी गर्ल्स कॉलेज और आरयूएचएस के तहत संचालित नर्सिंग कॉलेज में 60 नए पदों की स्वीकृति दी है.

तेली घाणी विकास बोर्ड क्या करेगा?

बता दें कि तेली घाणी विकास बोर्ड समुदाय के उत्थान में नई योजनाएं बनाकर, समस्याओं की पहचान कर सुझाव राज्य सरकार को देगा. वहीं बोर्ड तेली घाणी के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण, उद्यमिता संवर्धन, रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने, बोर्ड सम्बन्धित बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करने में मदद करेगा.

इसके साथ ही अन्य राज्यों के उपयोगी अनुभवों की जानकारी साझा करने, विभिन्न विभागों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों की मॉनिटरिंग सहित अन्य काम करेगा. वहीं बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 3 सदस्य सहित कुल 5 गैर सरकारी सदस्य होंगे.

वहीं राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनका प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे. इसके साथ ही कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के संयुक्त निदेशक स्तरीय अधिकारी बोर्ड में सचिव के रूप में काम करेंगे और कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग बोर्ड का प्रशासनिक विभाग होगा.

15 अल्पसंख्यक रेजिडेंशियल स्कूल खोले जाएंगे

वहीं सीएम ने अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को निःशुल्क आवासीय शिक्षा देने के लिए राज्य में 15 स्थानों पर राजकीय रेजिडेंशियल स्कूल संचालित करने का फैसला किया है जिसके लिए गहलोत ने 120 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है. वहीं हर रेजिडेंशियल स्कूल के निर्माण पर 8 करोड़ रुपए की लागत आएगी जहां 100 विद्यार्थी रह सकेंगे.

वहीं गहलोत की स्वीकृति के बाद अलवर के रामगढ़, भरतपुर के नगर, बाड़मेर के रमजान की गफन (चौहटन) और सेड़वा तथा अजमेर के सरवाड़ में बालिकाओं के लिए, जोधपुर, झुंझुनूं, कोटा, टोंक, बीकानेर, सीकर, भरतपुर के पहाड़ी और कामां, जोधपुर के जेतडासर (बाप), जैसलमेर के नाचना (पोकरण) जैसलमेर में बालकों के लिए रेजिडेंशियल स्कूल बनेंगे.

RUHS के नर्सिंग कॉलेज में 60 नए पद

वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के अंतर्गत संचालित नर्सिंग कॉलेज में 60 नए पद के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. गहलोत की इस स्वीकृति से शैक्षणिक पदों में प्रिंसिपल कम प्रोफेसर, वाइस प्रिंसिपल कम प्रोफेसर का एक-एक पद, प्रोफेसर के 2, एसोसिएट प्रोफेसर के 5, असिस्टेंट प्रोफेसर के 9 और नर्सिंग ट्यूटर के 28 पद होंगे.

वहीं, सहायक अनुभागाधिकारी, हॉस्टल वार्डन, वरिष्ठ सहायक व कनिष्ठ सहायक के 2-2, निजी सहायक, सहायक लेखाधिकारी ग्रेड-2 व लाइब्रेरियन के 1-1 तथा सहायक कर्मचारी के 3 पद तैयार होंगे.

प्रदेश में खुलेंगे 3 नए राजकीय गर्ल्स कॉलेज

वहीं उदयपुर जिले के सलूंबर, जयपुर जिले के सांभर एवं चितौड़गढ़ जिले के कपासन में नए राजकीय कन्या महाविद्यालय खोले जाएंगे जिसके लिए मुख्यमंत्री ने इनके भवन निर्माण के लिए 13.50 करोड़ रुपए की वित्तीय मंजूरी दी है. वहीं इनके संचालन के लिए 63 नए पदों के सृजन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है. हर कॉलेज में 21 नए पद तैयार किए जाएंगे.

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