Dussehra 2023 : पुरखों के वादे को निभा रहे…एक माह रहते हैं शाकाहारी, मुस्लिम परिवार बनाता है रावण

नवरात्र के दसवें दिन आश्विन शुक्ल दशमी पर असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयादशमी प्रदेश भर में धूमधाम से मनाया जाएगा।

Dussehra 2023

Dussehra 2023 : जयपुर। नवरात्र के दसवें दिन आश्विन शुक्ल दशमी पर असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयादशमी प्रदेश भर में धूमधाम से मनाया जाएगा। राजधानी में भी दशहरे पर रावण दहन का भव्य आयोजन किया जाता है। शहर के आदर्श नगर में इस बार 120 फीट का रावण और 95 फीट का कुंभकर्ण का पुतला तैयार किया जा रहा है। इन दोनों को मथुरा का एक मुस्लिम परिवार तैयार रहा है।

रावण को बनाने के लिए चांद बाबू और उनका परिवार दिन रात जुटा हुआ है। इस बार कच्ची सामग्री के महंगा मिलने के कारण यह परिवार संकट से गुजर रहा है। चांद बाबू का कहना है कि हम पिछले कई सालों से रावण बना रहे हैं। हर बार आमजन के लिए कुछ नयापन लेकर आते हैं, लेकिन इस बार रावण निर्माण की कच्ची सामग्री महंगी होने के कारण रावण बनाने में परेशानी हो रही है।

रावण-कुंभकरण पर रिमोट से होगी आतिशबाजी

चांद बाबू ने बताया कि उनके पिता लखो भाई से उन्होंने ये कला सीखी है। अभी उनका बेटा राजा खान भी इस काम में हाथ बंटा रहा है। रावण बनाने का कार्यपिछले एक महीने से चल रहा है। इस बार नई डिजाइन का मुकुट बनाया है, जो दर्शकों को आकर्षक लगेगा। इस बार रावण की लम्बाई 120 फीट और कुंभकर्ण की 95 फीट होगी। इसका ढांचा तैयार कर क्रेन की सहायता से दशहरा मैदान में ले जाया जाएगा।

मैदान पर ही करीब 70 फीट लम्बा और 60 फीट चौड़े टेंट में रावण और कुम्भकरण के पुतले को पूर्ण रूप देने की तैयारी की जा रही है। इस बार हजारों की संख्या में आए दर्शको को रावण जलने से पूर्व 30 मिनिट तक अद्भुत रिमोट कंट्रोल के द्वारा आतिशबाजी का नजारा देखने को मिलेगा।

पुरखों के दिए वादे को निभा रहे

चांद बाबू ने बताया कि हमारा परिवार कई दशकों से जयपुर में रावण बना रहा है। हाल में उनके पिता का निधन होने के कारण वे कहते है कि मंहगाई के इस जमाने में परिवार का खर्च भी बड़ी मुश्किल से चलता है, लेकिन अपने पुरूखों के दिए वादे के कारण वे इस कार्य से जुडे हुए हैं। हालांकि, रावण बनाने में बहुत खुशी होती है। पूरा परिवार साथ लेकर एक महीने पहले जयपुर आकर बस जाते हैं और रावण बनाने में जुट जाते हैं।

दशहरा मैदान का रावण सबसे सुंदर दिखे

मथुरा के चांद बाबू का पेशा टेलर का है, लेकिन जैसे ही दशहरे का पर्व नजदीक आता है, सब कुछ बंद कर एक महीने पहले ही परिवार के साथ जयपुर चले आते हैं। इस एक महीने तक मेरा पूरा परिवार मीट तक नहीं खाते। जब तक श्री राम मंदिर में रहते हैं, एक महीने तक दाल-रोटी बना कर खाते हैं। दिन रात बस यही सोच कर रावण बनाने में लग जाते हैं कि राजस्थान में दशहरा मैदान का रावण सबसे सुंदर दिखे। 

ये खबर भी पढ़ें:-Rajasthan Election 2023 : टिकटों पर सियासत…बसपा छोड़कर आए और निर्दलीयों को कांग्रेस की ना!