श्री सीमेंट पर IT का शिकंजा, 2 दर्जन से अधिक ठिकानों पर रेड…उजागर हो सकती है करोड़ों की काली कमाई

जयपुर। श्री सीमेंट ग्रुप पर आयकर विभाग की कार्रवाई तीन दिन से जारी है। आयकर विभाग की कार्रवाई में श्री सीमेंट में एक के बाद…

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जयपुर। श्री सीमेंट ग्रुप पर आयकर विभाग की कार्रवाई तीन दिन से जारी है। आयकर विभाग की कार्रवाई में श्री सीमेंट में एक के बाद एक लगातार खुलासे हो रहे है। बताया जा रहा है कि श्री सीमेंट ग्रुप राज्य सरकार और केंद्र सरकार को एक दशक से 10 साल से चूना लगाया जा रहा था। अधिकारियों और संचालकों की ओर से जांच में सहयोग नहीं करने का भी आरोप लगा है। आयकर विभाग की ओर से अचानक से हुई कार्रवाई से जांच में जब्त किए दस्तावेजों के आधार पर हड़कंम मच गया।

अधिकांश निदेशक, सीएफओ और डॉयरेक्टर समेत कई कर्मचारी फरार हो गए है। वहीं इनकम टैक्स विभाग ने वित्त मंत्रालय और ईडी समेत कई विभागों को भी नोटिस भेजा है। जल्द ही बड़ा खुलासा होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि कई सालों से राज्य सरकार और केंद्र सरकार को चूना लगाया जा रहा था। जल्द ही आयकर विभाग की कार्रवाई में बड़े खुलासे हो सकते है।

बताया जा रहा है कि अब तक हुए सर्च ऑपरेशन के दौरान आयकर विभाग को देश में सबसे बड़ी टैक्स चोरी के दस्तावेज मिले हैं। आयकर विभाग के सूत्रों की माने तो आयकर विभाग की छापेमारी में मिले दस्तावेजों के अनुसार श्री सीमेंट ग्रुप ने दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर 23,000 करोड़ की आयकर चोरी की है। आयकर विभाग को श्री सीमेंट ग्रुप के दस्तावेजों की जांच में सामने आया है कि हर साल ग्रुप ने करीब 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी की है। विभाग को ग्रुप के डिडक्शन क्लेम के दस्तावेजों पर संदेह था जिसके बाद यह छापेमारी की गई।

वहीं, जांच में सामने आया है कि सरपंच, ग्राम पंचायत स्थानीय निकाय से किए फर्जी एग्रीमेंट से केंद्र और राज्य सरकार को बड़ा चूना लगाया गया है। आयकर विभाग ने फर्जीवाड़े से जुड़े एग्रीमेंट भी जब्त कर लिए हैं।

प्रबंधक और कई कर्मचारी गायब

इनकम टैक्स विभाग के अनुसार, श्री सिमेंट ग्रुप के मेंबर्स से इस मामले में पूछताछ की गई तो उन्होंने इस संबंध में जानकारी होने से इनकार कर दिया। वहीं ग्रुप के चेयरमैन एचएन बांगड़ और वाइस चेयरमैन प्रशांत बांगड़ छापेमारी के बाद से बाहर निकल गए हैं। ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट अरविंद खींचा को भी छापेमारी के दौरान कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन वह भी आयकर अधिकारियों के सामने नहीं आए।

मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज अखोरी, डायरेक्टर नितिन देसाई, डायरेक्टर श्रीकांत सोमानी और सीएफओ सुभाष जाजू से भी आयकर अधिकारियों का कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। इन सभी प्रबंधकों की जानकारी ग्रुप के किसी भी सदस्य के पास नहीं हैं।

बता दें कि पिछले 3 दिनों से इनकम टैक्स जयपुर की टीम ने श्री सीमेंट के राजस्थान के 24 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। आयकर विभाग ने जयपुर सहित ब्यावर, उदयपुर, अजमेर और चित्तौड़गढ़ में यह छापेमारी की। इस छापेमारी में आयकर विभाग के 200 से ज्यादा अधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल किए गए। आयकर विभाग ने छापेमारी की कार्रवाई से पहले नई तकनीक और सॉफ्टवेयर की मदद से यह चोरी पकड़ी है। आयकर विभाग की जांच में सीमेंट के लिए खरीदे जाने वाले कोयले और उसके लिए किए गए पेमेंट में भारी अनियमितता सामने आई।

बता दें कि हाल ही में इनकम टैक्स डिपोर्टमेंट ने अपनी तकनीकी संसाधनों को मजबूत किया है। जिसके तहत टैक्स अदा करने और कंपनी की वास्तविक परफॉर्मेंस का आकलन किया जा सकता है। इसी आधार पर आयकर विभाग को श्री सीमेंट के इनकम में छूट के दावे और वास्तविकता में अंतर लगा। इसे आधार मानते हुए इनकम टैक्स ने इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया।

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