दुर्लभ है ये प्रेम कहानी, चोरी हुई गाय को वापस पाने के लिए सिस्टम से लड़ा 70 साल का किसान, DNA टेस्ट से मिला मालिकाना हक

आज तक आपने बिछड़े हुए मां-बाप, मां-बेटे या बाप-बेटे के मिलने का जरिया DNA टेस्ट सुना होगा, लेकिन चोरी हुई गाय के असली मालिक को…

Cow's dna test was done in Sardarshahar of Churu and given to the owner

आज तक आपने बिछड़े हुए मां-बाप, मां-बेटे या बाप-बेटे के मिलने का जरिया DNA टेस्ट सुना होगा, लेकिन चोरी हुई गाय के असली मालिक को ढूंढने के लिए DNA टेस्ट करना नहीं सुना होगा। पर ऐसा हुआ है चूरू के सरदारशहर में, यहां पर एक गरीब बुजुर्ग किसान की चोरी हुई गाय 2 साल बाद मिली वो भी DNA टेस्ट के जरिए। इस किसान के लिए गाय का ऐसा प्रेम देखकर हर कोई बस इसकी ही बात कर रहा है। जो कोई इसे सुन रहा है बस इस गाय और किसान के बारे में जानना चाह रहा है।

2 साल पहले घर से ही चोरी हुई थी बछिया

दरअसल ये कहानी है सरदारशहर के रामनगर बास के रहने वाले 70 वर्षीय किसान दुलाराम की। 2 साल पहले 11 फरवरी 2021 में दुलाराम की ये गाय उनके घर से ही चोरी हो गई थी। उस वक्त ये गाय नहीं बल्कि एक छोटी सी बछिया थी। अपनी इस बछिया को दुलाराम किसी जानवर की तरह नहीं बल्कि अपनी बेटी की तरह रखते थे। उससे और उसकी मां से दुलाराम बहुत प्यार करते थे। गाय चोरी हो जाने के बाद दुलाराम तो जैसे पागल से हो गए, उन्होंने हर जगह अपनी बछिया को ढूंढा लेकिन वो कहीं नहीं मिली। उन्होंने अपनी गाय खो जाने की रिपोर्ट थाने में भी लिखवाई लेकिन इसके बावजूद उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ सिवाय बेइज्जती और आंसुओं के।

गाय के गम में रोते रहते थे दुलाराम

दुलाराम की पत्नी बताती हैं कि उनके पति गाय खो जाने के गम में काफी दुखी रहते थे, वे थानों के दिनभर चक्कर लगाते थे लेकिन कहीं से कुछ हाथ ना लगने पर आखिर में वो हताश होकर घर लौट आते थे और रोते रहते थे। फिर गाय खो जाने के करीब 10 महीने बाद दुलाराम के पास गांव के ही एक व्यापारी का फोन आता है कि आपकी गाय को मैंने देखा है, दुलाराम तुरंत उसके बताई जगह पहुंच जाते हैं और अपनी खोई हुई गाय को वहां पर देखकर काफी खुश हो जाते हैं। वे अपनी गाय को अपने घर ले आए।

10 महीने के बाद मिली तो अगले दिन ले गए दबंग

दुलाराम ने कहा कि जिस दिन मैं अपनी गाय को अपने घर लेकर आया उसके अगले दिन ही गांव के ही कुछ लोग आए और जो गाय दुलाराम वापस घर लेकर आए उसे दुसरे का बताकर छुड़ाने लगे। दुलाराम ने उन्हें रोकने और समझाने की कोशिश की तो उन्होंने बुजुर्ग दुलाराम को मारा-पीटा और गाय खोलकर ले गए। दुलाराम बेहद दुखी हो गए। वे जब इसकी शिकायत करने के लिए फिर से थाने गए तो उन्हें वहां पर गालियां खाने को मिलीं और उन्हें ही चोर बताकर भगा दिया गया।

दुलाराम ने बताया कि पुलिस के ऐसे बोलने के बाद गांव के लोग और मेरी गाय ले जाने वाले आरोपी भी मुझे मेरी ही गाय का चोर बुलाने लगे। मुझे बेहद दुख था इसका भी पूरा सिस्टम ही बेकार है, मेरी गाय मुझे ही नहीं दी जा रही है और मुझे चोर कहा जा रहा है। मैंने कसम खा ली जब तक गाय को ढूंढ नहीं लेता तब तक वे दाढ़ी-मूछ नहीं कटवाएंगे।

सीएम का कार्यक्रम..इसलिए हरकत में आई पुलिस

दुलाराम ने बताया कि 30 नवंबर 2022 सरदारशहर में सीएम अशोक गहलोत का कोई कार्यक्रम होने को था, उन्हें सीएम तक अपनी परेशानी पहुंचानी थी इसलिए मैंने टॉवर पर चढ़ने का फैसला किया। जब मैं टॉवर पर चढ़कर प्रदर्शन करने लगा तो पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए क्यों कि सीएम का कार्यक्रम प्रस्तावित था। इसलिए पुलिस की भारी फोर्स टॉवर के पास आई और मुझसे नीचे उतरने की मिन्नत करने लगे। मैंने मेरी गाय को वापस देने की मांग की तो खुद आई जी ने मुझे गाय दिलवाने का आश्वासन दिया।

गाय का कराना पड़ा था DNA टेस्ट

आईजी उदयपुर रेंज ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी तारानगर डीएसपी को सौंप दी। इसके बाद डीएसपी ने मेरी पूरी रिपोर्ट के आधार पर गाय का डीएनए टेस्ट कराने को कहा। मेरी हां के बाद उन्होंने गाय का डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया। जिसके बाद मेरे घर में बंधी गाय जो उस बछिया की मां थी और उस बछिया जो चोरी हो गई थी, इन दोनों के डीएनए सैंपल ले लिए गए। इनके सैंपल हैदराबाद भेजे गए। जब 5 महीने बाद रिपोर्ट आई तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। रिपोर्ट में मेरे घर बंधी गाय और चोरी की हुई गाय के डीएनए मैच कर गए। मेरी गाय मुझे वापस मिल गई।

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