‘भगवान’ की शरण में कांग्रेस! राजस्थान के मुख्य शिवालयों में गहलोत सरकार करवाएगी जलाभिषेक

सरकार ने राज्य में सुख, समृद्धि, शांति, अच्छी वर्षा व खुशहाली के लिए श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को रुद्राभिषेक कराने की तैयारियां की हैं।

Gehlot government

जयपुर। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब देवताओं की शरण में है। सरकार ने राज्य में सुख, समृद्धि, शांति, अच्छी वर्षा व खुशहाली के लिए श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को रुद्राभिषेक कराने की तैयारियां की हैं। देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले सभी शिवालयों और प्रदेश के अन्य सभी प्रमुख शिव मंदिरों में भी विभाग की ओर से रुद्राभिषेक करवाया जाएगा। देवस्थान विभाग मंत्री शकुंतला रावत ने शनिवार को जयपुर के श्रीरामचंद्र जी मंदिर से यह जानकारी दी। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के श्री गोविन्द देव जी मंदिर में विभिन्न विकास कार्याें के लिए 20.30 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके साथ ही गहलोत ने बीकानेर के श्री राजरतन बिहारी मंदिर में भी जीर्णोद्धार और सुविधाओं के लिए 3.62 करोड़ रुपए की वित्तीय मंजूरी दी है। दोनों ही जगह यह राशि पर्यटन विकास कोष से खर्च की जाएगी।

माना जा रहा है कि सीएम की इस स्वीकृति से मंदिरों का सौन्दर्यीकरण, मंदिर मार्गाें और जन सुविधाओं का विस्तार हो सकेगा और श्रद्धालुओं को भी दर्शन में सुगमता होगी। इससे पहले गहलोत ने बजट में 100 करोड़ रुपए की लागत से श्री गोविंद देव जी मंदिर परिसर में भव्य कॉरिडोर व अन्य विकास कार्य कराए जाने की घोषणा की थी। यह कॉरिडोर काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर बनेगा। इससे श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ेगी।  

50 से 60 मंदिरों की सूची तैयार

देवस्थान विभाग मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि प्रत्येक जिले के कम से कम एक शिव मंदिर में जलाभिषेक का कार्यक्रम जरूर होगा। अब तक करीब 50 से 60 मंदिरों की सूची तैयार की जा चुकी है। बजट विभाग की ओर से दिया जाएगा। शकुंतला रावत ने कहा कि अधिकमास भगवान विष्णु से जुड़ा है, ऐसे में एक आयोजन भगवान विष्णु के मंदिर में भी किया जाएगा। इसके अलावा सावन की ग्यारस और अष्टमी में भी आयोजन किए जाएंगे।

ब्रजनिधि मंदिर के सामने मौजूद प्रतापेश्वर मंदिर में सोमवती अमावस्या पर होने वाले आयोजन में वो खुद जलाभिषेक कार्यक्रम में शामिल होंगी। इसके अलावा आमेर स्थित रामेश्वरम, पुराना घाट, सिरह ड्योढ़ी के मंदिरों में भी इसी तरह के आयोजन होंगे। रावत ने कहा कि सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक भी शुभ माना जाता है। इसलिए देवस्थान विभाग के मंदिरों के साथ अन्य मंदिरों में जलाभिषेक का कार्यक्रम होगा। जिसमें रुद्री पाठ के साथ सहस्त्रधारा का आयोजन होगा। 

डॉ. जोशी ने जताया आभार 

जलदाय मंत्री और हवामहल विधायक डॉ.महेश जोशी ने गोविंद देवजी मंदिर में काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर 100 करोड़ की लागत से कॉरिडोर निर्मित करने और अन्य विकास कार्यों के लिए 100 करोड़ की बजट घोषणा के तहत पहले चरण में 20.30 करोड़ रुपए की वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी देने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जताया आभार जताया है। गोविंद देवजी मंदिर में कॉरिडोर विकसित करने के लिए जल्द ही कार्ययोजना के तहत विकास कार्यों के टेंडर जारी होंगे।

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