शेखावत के मानहानि का केस दर्ज कराने पर सीएम गहलोत का तंज… सही है कम से कम संजीवनी का केस तो आगे बढ़ेगा

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत के दिल्ली कोर्ट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराने पर खुद गहलोत ने स्वागत किया है।…

Ashok Gehlot Gajendra singh Shekhawat | Sach Bedhadak

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत के दिल्ली कोर्ट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराने पर खुद गहलोत ने स्वागत किया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि उन्हें केस दर्ज कराना है करा दें। कम से कम इस बहाने संजीवनी का केस तो आगे बढ़ेगा। इस केस की सुनवाई तो होगी, उन गरीबों का पैसा मिल तो जाएगा जो इन्होंने घोटाले में खपा दिया है।

S.M.S. मेडिकल कॉलेज के प्लैटिनम जुबली समारोह में शामिल

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज SMS मेडिकल कॉलेज के प्लैटिनम जुबली सेलिब्रेशन में शामिल हुए थे। उन्होंने यहां पर कॉलेज की स्मारिका का विमोचन किया और कई डॉक्टर्स को सम्मानित किया। यहां उन्होंने अपने संबोधन में SMS अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की खूबियों का बखान भी किया।

सीएम अशोक गहलोत ने कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि SMS मेडिकल कॉलेज को 75 साल हो गए हैं, 75 साल से यह अपनी उपलब्धियों की विरासत लिख रहा है। कोरोना काल में s.m.s. अस्पताल ने ये दिखा दिया कि कठिन परिस्थितियों में भी वह इतनी बड़ी संख्या में लोगों का इलाज करने के लिए सक्षम है।

राइट टू हेल्थ का विरोध करने वालों को मैसेज

अशोक गहलोत ने राइट टू हेल्थ बिल का विरोध करने वाले डॉक्टर्स से कहा है कि इस तरह से विरोध करना कहीं से भी जायज नहीं है। यह कोई कमर्शियल काम नहीं है यह सेवा का काम है। संविधान में भी इस कार्य को सेवा का नाम दिया गया है और सेवा में हम पैसा नहीं देखते हैं सिर्फ सेवा करते हैं। सीएम ने कहा कि निजी डॉक्टरों की जो मांगे हैं वह हमारे पास लेकर आएं। उनकी वाजिब मांगों को जरूर सुना जाएगा और अगर उन मांगों से उनका भला होता है और मरीजों को भी कोई परेशानी नहीं होती है तो उस तरह से हम इसे बिल में शामिल करेंगे। हम भी नहीं चाहते हैं कि निजी अस्पतालों और उनके डॉक्टर्स को किसी भी तरह की परेशानी हो कोई भी नुकसान हो।

बिना नाम के गजेंद्र शेखावत पर किया कटाक्ष

इसके बाद एक केंद्रीय मंत्री के दिल्ली कोर्ट में सीएम के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराने के सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री मानहानि का केस दर्ज करा रहे हैं तो करा ले मैं इसका स्वागत करता हूं। कम से कम इस बहाने संजीवनी का केस तो आगे बढ़ेगा, उन गरीबों को उनका पैसा मिल सकेगा जिन्होंने इस संजीवनी स्कीम में लगाया था। कोई गरीब अपनी बेटी की शादी करना चाहता है, कोई घर बनाना चाहता है कईयों के बहुत सारे ऐसे काम है। एक बुजुर्ग व्यक्ति स्टंट डलवाने के लिए बैठा हुआ है, उसका बेटा कहता है कि पिताजी यह काम मैं अपने पैसे से करा लूंगा तो बुजुर्ग व्यक्ति कहता है कि नहीं एक लाख रुपए जो संजीवनी घोटाले में खपे हैं, मुझे वही पैसा चाहिए मैं उसी से स्टंट डलवा लूंगा।

मुझे अफसोस है कि यह केंद्रीय मंत्री हैं

सीएम ने कहा कि यह जो केंद्रीय मंत्री हैं यह इतने निकम्मे होंगे यह मुझे पता नहीं था, इतने नाकारा लोगों को केंद्रीय मंत्री का पद कैसे दिया जा सकता है। जब संजीवनी घोटाले में नाम आ गया है तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह कैसे इन्हें केंद्रीय पद दे सकते हैं। मुझे बड़ा अफसोस होता है कि ऐसा व्यक्ति केंद्रीय पद पर बैठा हुआ है।

अशोक गहलोत ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भी इस मामले से रूबरू कराया था, बावजूद इसके उन्होंने कुछ नहीं किया। मैं इस मामले में कोई राजनीति नहीं करना चाहता बस सच्चाई बताना हमारा अधिकार है। हमें हर चीज के सच्चाई जनता के सामने लाकर रखनी है।

यह भाजपा के अंदर की बात मैं कुछ नहीं कहूंगा

वसुंधरा राजे के जन्मदिन को लेकर भाजपा में छिड़ी गुटबाजी को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि मैं इस पर कोई बात नहीं करना चाहूंगा, भाजपा के यह घर की बात है उनके अंदर की बात है। उनमें जो भी प्यार मोहब्बत है उससे निपट लें, इस अंदरूनी मामले में मेरा बोलना उचित नहीं है।

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