आखिर किसने रोका गहलोत का हेलिकॉप्टर? गृह मंत्रालय ने कहा- हमनें दी परमिशन, CM बोले- जनता में फैलाया भ्रम

सीएम अशोक गहलोत के शुक्रवार को उदयपुर से सीकर हेलिकॉप्टर की उड़ान पर अनुमति नहीं मिलने का मामला गरमा गया है.

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Ashok Gehlot vs MHA: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का शुक्रवार को सीकर दौरा रद्द होने को लेकर खुद मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय अब आमने-सामने हो गए हैं. गहलोत ने दावा किया था कि G-20 के चलते हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर लगी आंशिक पाबन्दी के चलते गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने एयरस्पेस में उदयपुर से सीकर हेलिकॉप्टर से की अनुमति नहीं मिली थी जिसके बाद गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार को स्पष्टीकरण आया कि सीकर सहित उड़ान की अनुमति के लिए राजस्थान के सीएम की ओर से 4 रिकवेस्ट आई थी जिन सभी को गृह मंत्रालय द्वारा अप्रूव्ड किया गया था.

वहीं अब सीएम गहलोत ने इस मामले में विस्तार से फिर एक स्पष्टीकरण जारी किया है जहां उन्होंने गृह मंत्रालय पर गलत तथ्यों की जानकारी देकर जनता में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है.

मालूम हो कि सीएम गहलोत शुक्रवार को सांगलिया धूणी में खिंवादास जी महाराज की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने जाने वाले थे लेकिन बताया गया कि G-20 के चलते हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर लगी आंशिक पाबन्दी के कारण वह वहां नहीं पहुंच सके.

पहले गहलोत का सीकर दौरा हुआ रद्द

दरअसल शुक्रवार को सीएम गहलोत ने कहा कि- आज बाबा श्री खींवादास जी महाराज की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में सांगलिया पीठ, सीकर जाने का कार्यक्रम था परन्तु जी-20 की बैठक के कारण गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने एयरस्पेस में उदयपुर से सीकर हेलिकॉप्टर से जाने की अनुमति नहीं दी जिसके कारण आज सांगलिया पीठ नहीं पहुंच पा रहा हूं.

फिर आया गृह मंत्रालय का जवाब

वहीं सीएम गहलोत को शुक्रवार को सीकर जाने के लिए हेलीकॉप्टर उड़ान की इजाजत नहीं मिलने पर गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि एक समाचार रिपोर्ट में, राजस्थान के मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय द्वारा उनके हेलीकॉप्टर उड़ान के लिए मंजूरी देने से इनकार करने का दावा किया है. सीकर सहित उड़ान की अनुमति के लिए राजस्थान के सीएम की ओर से 4 रिकवेस्ट मिली थी, जिन सभी को गृह मंत्रालय द्वारा अप्रूव्ड किया गया था.

राजस्थान के CM के किसी भी अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया गया है जबकि कमर्शियल विमानों की सभी निर्धारित उड़ानों और राज्यपालों और राज्य के मुख्यमंत्रियों को अपने राज्य में विमानों से आवाजाही की अनुमति है, निजी चार्टर्ड विमान की उड़ान के लिए MHA की अनुमति की आवश्यकता होती है.

अब फिर गहलोत का पलटवार

वहीं गहलोत ने एक बार फिर मामले पर विस्तार से बताते हुए कहा कि कल मेरा उदयपुर से जयपुर प्लेन से एवं जयपुर से सीकर एवं सीकर से निवाई हेलिकॉप्टर से जाने का कार्यक्रम था जिसके लिए हेलिकॉप्टर को एडवांस में उदयपुर से जयपुर पहुंचना था परन्तु ऐसा बताया कि जी-20 के प्रोटोकॉल कारण हेलिकॉप्टर या प्लेन तभी यात्रा कर सकते हैं जब CM स्वयं उसमें सवार हो.

उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर की उड़ान की अनुमति 10.48 AM पर ई-मेल कर मांगी गई परन्तु 2.50 PM तक अनुमति नहीं मिली और वहां इंतजार कर रही जनता को जानकारी देने के लिए 2.52 PM पर ट्वीट कर ना आ पाने का कारण बताया और सांगलिया पीठ में श्री ओम दास महाराज को भी फोन कर जानकारी दी. इसके बाद 3.58 PM पर अनुमति आई परन्तु तब तक मैं उदयपुर से जयपुर के लिए प्लेन से निकल चुका था एवं जयपुर पहुंचकर सड़क मार्ग से निवाई गया.

गहलोत ने कहा कि जी-20 के नाम पर मुझे कोई विवाद पैदा नहीं करना था इसलिए इसकी कोई निंदा नहीं की एवं केवल जनता को तथ्यों की जानकारी दी थी परन्तु मुझे अब दुख है कि गृह मंत्रालय ने गलत तथ्यों की जानकारी देकर जनता में भ्रम फैलाने का असफल प्रयास किया है.

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