गहलोत कैबिनेट का बड़ा फैसला, अब पार्ट टाइम कर्मियों को सेवानिवृत्ति के परिलाभ

गहलोत कैबिनेट का बड़ा फैसला, अब पार्ट टाइम कर्मियों को सेवानिवृत्ति के परिलाभ

now retirement benefits to part time workers | Sach Bedhadak

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार शाम सीएमआर पर मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। बैठक में राजस्थान पार्ट टाइम कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स2023 का अनुमोदन, जयपुर में जेम बोर्स की स्थापना और विभिन्न संस्थाओं को भूमि आवंटन के निर्णय लिए गए हैं। साथ ही, जीव जन्तु कल्याण बोर्ड का नाम अमृता देवी राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड करने का भी फैसला किया गया है।

मंत्रिमंडल पार्ट टाइम कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स के प्रारूप के अनुमोदन के बाद अब ऐसे कार्मिकों को सेवा समाप्ति पर 2 से 3 लाख रुपए तक का आर्थिक सहायता पैकेज मिलेगा। ये परिलाभ विभागों में कार्यरत पार्ट टाइम कार्मिकों को सेवा समाप्ति, मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति पर दिए जाएंगे। इन नियमों के बनने से पार्ट टाइम कार्मिकों की भर्ती में पारदर्शिता आएगी और उन्हें आर्थिक संबल भी मिलेगा।

इस नियम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, कुक, फर्राश आदि जैसे पार्ट टाइम कार्यरत मानदेय कर्मियों को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बैठक में मंत्रिपरिषद सदस्यों को अपने-अपने विभागों के ‘विजन-2030 डॉक्यूमेंट‘ को सितंबर-2023 तक तैयार कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंत्री अपने विभागों से संबंधित स्टेक होल्डर्स और एक्सपर्ट्स से चर्चा कर विजन2030 डॉक्यूमेंट के लिए सुझाव लें। गहलोत ने कहा कि राजस्थान मिशन-2030 के लिए 1 करोड़ से अधिक लोगों के सुझाव लिए जाएंगे।

बच्चों की सुसाइड रोकने के लिए मांगे सुझाव

बैठक के बाद मंत्री ममता भूपेश और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को संबोधित किया। मंत्री ममता भूपेश और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि आखिर बच्चे क्यों सुसाइड कर रहे है इस पर चर्चा करेंगे, 6 साल से छोटे बच्चे फर्स्ट क्लास में भर्ती नहीं हो सकते, इसकी जांच करेंगे, बच्चों की सुसाइड कैसे रोकी जा सके, इसको लेकर कोचिंग संस्थानों से चर्चा करेंगे, बच्चों की सुसाइड रोकने के लिए जनता से भी सुझाव मांगे है।

कोचिंग इंस्टिट्यूट कई जगह माफिया…

कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास में पीसी के दौरान संबोधित करते हुए कहा कि कोचिंग इंस्टिट्यूट का एकमात्र मकसद पैसे कमाना है, कोचिंग इंस्टिट्यूट कई जगह तो माफिया के रूप में खड़े हो रहे हैं। कोचिंग एक बड़ा बिजनेस बन गया।

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