राजस्थान में टूटी एक और परिपाटी, 20 साल बाद मिली वित्त मंत्री…CM नहीं दीया कुमारी करेंगी अब बजट पेश

जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रिमंडल के गठन तक भाजपा के फैसले ने सभी को चौंकाया है। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार राजस्थान में…

New Project 2024 01 06T124136.591 | Sach Bedhadak

जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रिमंडल के गठन तक भाजपा के फैसले ने सभी को चौंकाया है। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार राजस्थान में मंत्रियों को उनका विभाग मिल गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल ने अपने पास 8 विभाग रखे हैं, जिनमें कार्मिक विभाग, आबकारी विभाग, गृह विभाग, आयोजना विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, नीति निर्धारण प्रकोष्ठ, मुख्यमंत्री सचिवालय, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) शामिल हैं।

20 साल बाद दीया कुमारी को बनाया वित्त मंत्री…

वहीं उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी को 6 विभाग दिए गए हैं। इनमें, वित्त विभाग, पर्यटन विभाग, कला-साहित्य-संस्कृति और पुरातत्व विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, महिला एंव बाल विकास विभाग और बाल अधिकारिता विभाग शामिल हैं। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के पास गृह विभाग के बाद दीया कुमारी के पास सबसे ताकतवार विभाग हैं।

बता दें कि 20 साल बाद राजस्थान में दीया कुमारी के रूप में वित्त मंत्री बनाया गया है। इससे पहले वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के 2-2 कार्यकाल में वित्त विभाग उन्हीं के पास था। ऐसे में 20 साल बाद दीया कुमारी वित्त मंत्री के तौर पर राजस्थान का सालाना बजट पेश करेंगी। इससे पहले 2003 में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में प्रद्युम्न सिंह आखिरी वित्त मंत्री थे। उनके बाद दो बार वसुंधरा राजे और दो बार अशोक गहलोत की सरकारें रहीं। वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत ही बजट पेश करते रहे।

आखिर दीया कुमारी को क्यों दिया वित्त विभाग…

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद दीया कुमारी का नाम मुख्यमंत्री के दावेदारों में भी चला था, लेकिन जातीय और सियासी समीकरण साधने व पार्टी की रणनीति के तहत उन्हें डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली। पहले उन्हें गृह विभाग भी दिए जाने की चर्चा थी, लेकिन पार्टी ने यूपी फॉमूले की तर्ज पर यह विभाग सीएम के पास ही रखा। दीया कुमारी हाईकमान की पसंद हैं। उन्हें पावरफुल विभाग मिलना तय माना जा रहा था। हाईकमान के स्तर पर इस मुद्दे पर कई दौर की चर्चा भी हुई थी।