50 हजार शिक्षकों को प्रमोशन का इंतजार…अब कैबिनेट मीटिंग से आस, क्या शिक्षा सेवा नियमों में संशोधन से बनेगी बात?

शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी के शिक्षक तबादला नहीं होने के कारण परेशान हैं। वहीं, प्रदेश के वरिष्ठ अध्यापक भी पिछले 3 साल से पदोन्नति नहीं होने के कारण अपने प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं।

image 69 | Sach Bedhadak

government teachers : जयपुर। शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी के शिक्षक तबादला नहीं होने के कारण परेशान हैं। वहीं, प्रदेश के वरिष्ठ अध्यापक भी पिछले 3 साल से पदोन्नति नहीं होने के कारण अपने प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। अब वरिष्ठ अध्यापकों को प्रमोशन के लिए आगामी 13 सितंबर को कोटा में होने वाली कैबिनेट की बैठक का इंतजार है। 

शिक्षकों का मानना है कि इस बैठक में नियमों में संशोधन हो तो वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति के अवसर मिल सकते हैं। शिक्षकों का कहना है कि वरिष्ठ अध्यापक की पदोन्नति शैक्षिक सेवा नियम 2021 के कारण नहीं हो पा रही है। ऐसे में इसमें संशोधन की तैयारी की जा रही है।

रुकी पदोन्नति, स्टूडेंट्स को नहीं मिले व्याख्याता

सेवा नियमों में संशोधन नहीं होने से विभिन्न पदों पर डीपीसी नहीं हो पाई। ऐसे में लाखों विद्यार्यों थि को व्याख्याता नहीं मिल पा रहे हैं। प्रदेश में सैकड़ों स्कूल ऐसे हैं, जहां पर एक भी व्याख्याता नहीं होने से तालाबंदी की स्थिति आ गई है। यहां अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को मजबूरन टीसी कटवाकर निजी स्कूलों या फिर दूसरे राजकीय विद्यालयों में जाना पड़ रहा है।

तीन सत्र से नहीं हो पा रही पदोन्नतियां 

गौरतलब है कि शैक्षिक संशोधन 2022 में यूजी एवं पीजी असमान विषय वालों की पदोन्नतियाें में सरकार छूट प्रदान कर रही है। इन्हीं संशोधन में उप प्राचार्य से प्रिंसिपल पदोन्नति में छूट, एग्रीकल्चर व्याख्याता भर्ती नियमों में संशोधन, वाणिज्य व्याख्याता भर्ती में संशोधन, व्याख्याता (विशेष शिक्षा) के नए पद सृजित सहित सात संशोधन इस कैबिनेट में पारित किए जाने की संभावना है। इन संशोधनों के नहीं होने से तीन सत्र से शिक्षकों की पदोन्नतियां नहीं हो पा रही है। इससे शिक्षकों के हजारों पद खाली पड़े हैं। इन संशोधनों से करीब 50 हजार शिक्षकों को पदोन्नतियां मिल सकेंगी।

इन पर होनी पदोन्नति 

थर्ड ग्रेड के करीब 20 हजार शिक्षकों की वरिष्ठअध्यापक पद पर। 

वरिष्ठअध्यापक के करीब 20 हजार व्याख्याता पद पर। 

करीब 7 हजार व्याख्याता की उप प्राचार्यपद पर। 

करीब 5,588 उप-प्राचार्यकी प्राचार्यपद पर।

इनका कहना है…

पदोन्नति संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक मुकेश कुमार मीणा ने कहा कि सेवा नियम बनने से पहले जिन वरिष्ठ अध्यापकों ने डिग्री हासिल कर रखी है उनको राहत प्रदान करते हुए कैबिनेट में नियम संशोधन पत्रावली को शीघ्र पारित करें, जिससे कि पदोन्नतियाें का रास्ता खुल सके। वहीं,  राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा शिक्षक संघ के विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि तीन सत्र से पदोन्नति नहीं होने से शिक्षकों में रोष है। शिक्षकों द्वारा कई बार धरना प्रदर्शन किया गया है।

उन्होंने कहा कि अब सरकार द्वारा शिक्षकों के रोष को देखते हुए सेवा नियमों में संशोधन की फाइल कार्मिक विभाग, वित्त विभाग, आरपीएससी, विधि विभाग से क्लियर हो कर कैबिनेट में मंजूरी के लिए फाइल को राजस्थान सरकार 13 सितंबर को कोटा में होने वाली कैबिनेट बैठक में रखने की तैयारी कर रही है। कैबिनेट की मुहर के बाद ही सेवा नियमों में संशोधन होकर पदोन्नति का रास्ता खुलेगा। 

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