Rajasthan Politics : शांत पड़े राजस्थान में फिर हलचल..विधानसभा चुनाव की हो रही तैयारी !

Rajasthan Politics : अगर लोग ऐसा सोच रहे हैं  कि राजस्थान की राजनीति में सब कुछ शांत है तो ऐसा कुछ भी नहीं है। आए…

Rajasthan Politics : शांत पड़े राजस्थान में फिर हलचल..विधानसभा चुनाव की हो रही तैयारी !

Rajasthan Politics : अगर लोग ऐसा सोच रहे हैं  कि राजस्थान की राजनीति में सब कुछ शांत है तो ऐसा कुछ भी नहीं है। आए दिन होते राजस्थान की राजनीति के दिग्गजों के दौरे इस तरफ साफ इशारा कर रहे हैं कि अब चुनाव की घड़ी पास आ रही है तो सभी नेता अब एक्टिव मोड पर आ गए हैं। प्रदेश की मौजूदा सरकार की बात करें तो सियासी सरगर्मी फिलहाल थमती नजर आ रही है, लेकिन ये तूफान आने के पहले की शांति प्रतीत हो रही है।

राजनीतिक गुणा भाग में लगे कांग्रेस नेता

दरअसल अगले ही साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। लगभग इसी वक्त 2023 में चुनावी कार्यक्रम भी घोषित कर दिया जाएगा।  तो इस समय कांग्रेस की सियासत में आए बदलाव ने भी नेताओं के माथे पर लकीरें तो ला ही दी हैं। ये कहना भी गलत नहीं होगा कि मौजूदा हालात को देखते हुए कांग्रेस विधायकों को अपनी चिंता जरूर सता रही होगी। क्योंकि कांग्रेस सरकार का भविष्य आलाकमान के हाथों में बंधा हुआ है। जिसके दो पहलू हैं। दोनों पर गौर करेंगे तो देखेंगे कि अगर सरकार रही तब तो कोई चिंता नहीं लेकिन अगर सरकार गिरी तो उनका क्या होगा, इसका अंदाजा प्रदेश कांग्रेस को भी है, इसलिए उन्होंने भी अपने अपने हिसाब से राजनीतिक गुना भाग लगाए हैं। जिसका पता भी सिर्फ उन्हें ही है।

सियासी भूचाल के बाद एक्टिव मोड में लौटे सीएम गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी प्रदेश कांग्रेस पर आए इस भूचाल से उबर कर एक्टिव मोड पर आ गए हैं। वे आए दिन प्रदेश के जिलों के विकास कार्यों का शिलान्यास लोकार्पण करा रहे हैं, युवा इस प्रदेश के विकास और चुनाव में कितनी भागीदारी निभाते हैं, इसका भी अशोक गहलोत पूरा भान है। बीते दिनों हुई इन्वेस्टर्स समिट इसी की बानगी थी। प्रदेश में 11 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट से यह तो साफ है कि सीएम गहलोत को यह पूरा विश्वास है कि इस बार चुनाव विकास,रोजगार के मुद्दे पर होगा जिसके लिए वह अपने कार्यकाल का पूरा लेखा जोखा लेकर जनता के बीच जायेंगे और पार्टी के लिए समर्थन मांगेंगे जिसमें उनकी जीत पक्की है।

सचिन पायलट का शक्ति प्रदर्शन !

दूसरे नेताओं की बात करें तो आज भी सचिन पायलट, वसुंधरा राजे, सतीश पूनिया दौरे पर रहे। सचिन पायलट आज जयपुर से कोटा ट्रेन से गए हैं। जयपुर के स्टेशन पर तो वे बगैर समर्थकों के पहुंचे लेकिन जब वे ट्रेन में चढ़ने लगे तो तमाम लोगों ने उन्हें पहचान लिया और उनके साथ फोटो खिंचवाने लगे। ट्रेन के अंदर भी कई यात्री पायलट के साथ फोटो खिंचवाते हुए दिखे।

दौरे वसुंधरा के.. निशाना बेनीवाल का

तो वहीं वसुंधरा राजे बीकानेर दौरे पर हैं। पिछले एक हफ्ते में वसुंधरा का यह दूसरा बीकानेर दौरा है। इससे दो दिन पहले वे जैसलमेर दौरे पर थीं। हालांकि वसुंधरा राजे दूसरे जिलों में मंदिरों में दर्शन करने जा रही हैं। लेकिन इसके जरिए लोगों औऱ खासकर राजनेताओं को क्या संदेश दे रही हैं यह किसी से छुपा नहीं है। वसुंधरा राजे के दौरों को लेकर तो नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी उन पर तंज कसा था कि वसुंधरा राजे  को बीकानेर में कोई नहीं बुलाता। वे नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बहाने से जबरन उनके घरों में चली जाती हैं।

वसुंधरा-पूनिया की गुटबाजी बरकरार

वसुंधरा राजे के इस दौरे को सतीश पूनिया को चुनौती के रूप में भी देखा जा रहा है। क्योंकि इन दोनों की गुटबाजी रह-रहकर सामने आ जाती है।  भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरे के दोनों ही खुद को दावेदार के रूप में देख रहे हैं। इसलिए दोनों में ‘श्रेष्ठ कौन’ की होड़ लगी हुई है है। हालांकि केंद्रीय नेतृत्व के सामने दोनों अपनी गुटबाजी को किनारे रखकर एक साथ आते रहे हैं लेकिन उसके बाद हालत फिर अपने पुराने ढर्रे पर आ जाते हैं। अब तो बस देखना यह है कि चुनावी साल में इन पार्टियों और नेताओं के अगले कदम क्या होते हैं। क्योंकि विधानसभा का चुनाव अब सभी पार्टियों की प्राथमिकता बन चुका है।

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