भारत-फ्रांस की वायुसेना का युद्धाभ्यास, जोधपुर के आसमान में गरजे राफेल, सुखोई और तेजस

जोधपुर के आसमान में इन दिनों विमानों की गड़गड़ाहट गूंज रही है। जोधपुर एयरबेस इन दिनों भारत और फ्रांस एयरफोर्स के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़…

भारत-फ्रांस की वायुसेना का युद्धाभ्यास, जोधपुर के आसमान में गरजे राफेल, सुखोई और तेजस

जोधपुर के आसमान में इन दिनों विमानों की गड़गड़ाहट गूंज रही है। जोधपुर एयरबेस इन दिनों भारत और फ्रांस एयरफोर्स के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ 7 की मेजबानी कर रहा है। पिछले एक हफ्ते से यहां दोनों देशों की वायुसेना युद्धाभ्यास कर रही है। इस दौरान मंगलवार को दोनों देशों के वायुसेना प्रमुखों ने लड़ाकू विमान उड़ाकर हवा में करतब दिखाते हुए अभ्यास किया। जोधपुर एयरबेस से मंगलवार को पांच राफेल, पांच सुखाई और तीन तेजस फाइटर जेट ने उड़ान भरी। इस दौरान करीब एक घंटे तक आसमान में रीफ्यूलिंग की प्रैक्टिस की गई।

खास बात ये भी रही कि इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने राफेल और फ्रांसीसी एयरफोर्स ‘फ्रेंच आर्मी डे एयर’ के चीफ जनरल स्टीफन ने सुखाई में उड़ान भरी। पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक स्थित जोधपुर एयरबेस पर इन दिनों दुनियाभर के देशों की निगाहें टिकी हुई हैं। यहां के आसमान में गूंजती राफेल, सुखोई और तेजस जैसे एडवांस्ड फाइटर की आवाजें दुश्मनों को डराने के लिए काफी हैं। इन दिनों यहां भारत और फ्रांस की वायुसेवा के बीच गरुड़-7 युद्धाभ्यास किया जा रहा है। इस युद्धाभ्यास में हवा में फ्यूल से भरने से लेकर वेपन सिस्टम के नए सिरे से यूज करने का अभ्यास किया गया। यहां मंगलवार को एक साथ 10 फाइटर जेट और एक ट्रांसपोर्टर एयरक्राफ्ट ने बेस से उड़ान भरी। यह फाइटर जेट हवा में अभ्यास करते रहे, वहीं ट्रांसपोर्टर एयरक्राफ्ट ने हवा में विमानों में फ्यूल भरने की प्रैक्टिस की।

युद्धाभ्यास के लिए इसलिए जोधपुर को चुना गया

थार के रेगिस्तान का सिंह द्वार कहलाने वाले जोधपुर का मौसम अमूमन एकदम साफ रहता है। वहीं यहां का तापमान दोनों देशों के पायलट्स और अन्य स्टाफ के लिए पूरी तरह से मुफीद है। जोधपुर से सीमा क्षेत्र तक बगैर किसी रुकावट के लंबी दूरी तक उड़ान भर सकते हैं। 8 साल पहले जोधपुर में राफेल उड़ाने वाले पायलट्स को यहां का मौसम बहुत रास आया था।

12 नवंबर तक चलेगा दोनों देशों के बीच युद्धाभ्यास

 जोधपुर में भारत और फ्रांस की एयरफोर्स का संयुक्त युद्धाभ्यास 26 अक्टूबर से शुरू हुआ। यह 12 नवंबर तक चलेगा। इस वॉर प्रैक्टिस के जरिए दोनों देशों की एयरफोर्स के पायलट्स एक-दूसरे के साथ अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। इस प्रैक्टिस में दोनों देशों के फाइटर प्लेन हवा से हवा में टारगेट को हिट करने और सबसे खास मिड एयर रीफ्यूलिंग, यानी हवा में ही एक प्लेन से दूसरे प्लेन में फ्यूल भरने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। खास बात यह है कि 400kmph प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा में ही राफेल समेत 5 फाइटर प्लेन और प्रचंड हेलिकॉप्टर में फ्यूल भरा जा रहा है।

दो वर्ष पूर्व हुआ था डेजर्ट नाइट

जोधपुर के आसमान में दो वर्ष पहले से भारत और फ्रांस के फाइटर्स जेट राफे ल के बीच रोमांचक मुकाबला हो चुका है। डेजर्ट नाइट नाम का यह युद्धाभ्यास जोधपुर एयरबेस पर हुआ था। थार के रेगिस्तान में युद्धाभ्यास होने के कारण इसका नाम डेजर्ट नाइट रखा गया। यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच नियमित रूप से होने वाले युद्धाभ्यास गरुड़ से अलग था।

जोधपुर में दूसरा युद्धाभ्यास

जोधपुर में भारत और फ्रांस की सेना के बीच यह दूसरा युद्धाभ्यास है। यह युद्धाभ्यास 12 नवंबर तक चलेगा। दोनों देशों की वायुसेना के बीच यह 7 वां अभ्यास है। इससे पहले पहला, तीसरा और पांचवां अभ्यास साल 2003, 2006 और 2014 में वायु सेना स्शन ग् टे वालियर, कलाईकुं डा और जोधपुर में आयोजित किया गया था।

पहले हो चुका है छह बार युद्धाभ्यास

भारत और फ्रांस की वायुसेना के बीच अब तक छह बार युद्धाभ्यास हो चुके हैं। इन युद्धाभ्यासों को गरुड़ नाम दिया जाता है। गरुड़ सीरिज के तहत अब तक तीन युद्धाभ्यास फ्रांस में हुए हैं और तीन अभ्यास भारत में। वर्ष 2014 में जोधपुर में यह युद्धाभ्यास हो चुका है। इस युद्धाभ्यास के बाद ही भारत की वायुसेना के लिए राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे ने तेजी पकड़ी थी और आज राफेल इंडियन एयरफोर्स का एक अहम हिस्सा बन चुका है।

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