Jalore Dalit Student Death : मृतक बच्चे को न्याय की मांग के साथ एससी-एसटी वर्ग ने निकाली आक्रोश रैली

जालोर में स्कूली बच्चे की मौत के मामले में दलित समाज का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। घटनाक्रम को लेकर सीबीआई से जांच कराने की…

h2 | Sach Bedhadak

जालोर में स्कूली बच्चे की मौत के मामले में दलित समाज का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। घटनाक्रम को लेकर सीबीआई से जांच कराने की मांग के साथ बुधवार को राजधानी जयपुर में एससी-एसटी वर्ग ने आक्रोश रैली निकाली। शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में एसी एसटी वर्ग के लोग एकजुट हुए। इसके बाद सीएम हाउस कूच के लिए सिविल लाइन फाटक तक पहुंचे, जहां सभा कर विरोध प्रदर्शन किया।

परिजनों को 50 लाख रुपए और सरकारी नौकरी की मांग

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की। वहीं प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी प्रदेश के जिलों में दलित समाज के साथ आज भी भेदभाव हो रहा है। साथ ही कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि जिस सरकार को हमने चुना, वो भी हम दलितों के साथ मुआवजा देने में भेदभाव कर रही है। 

डॉ. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी महासचिव और पूर्व आईपीएस अनिल गोठवाल ने कहा कि जालोर में अध्यापक की पिटाई से मौत का शिकार हुए बच्चे के परिजन न्याय का इन्तजार कर रहे हैं। सरकार मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करा रही है। हम मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं। पीड़ित परिवार के साथ पहले जातीय भेदभाव हुआ और अब सरकार के स्तर पर भी भेदभाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक घटना नहीं है। राजस्थान में लगातार दलितों के साथ इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। बार-बार सरकार से आग्रह करने के बाद भी दलितों पर होने वाले अत्याचार कम नहीं हो रहे हैं। इसी को लेकर समाज में भारी आक्रोश है।

परिजनों को 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए

डॉ. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफे यर सोसायटी अध्यक्ष भजन लाल ने कहा कि यह आक्रोश रैली एक मासूम बच्चे की ही मौत पर न्याय के लिए निकाली जा रही है। सरकार एक के स में तो 50 लाख का मुआवजा और दो लोगों को नौकरी दे देती है जबकि दूसरे मामले में सिर्फ 5 लाख का मुआवजा दिया है। सरकारी नौकरी को लेकर सरकार खामोश है।इससे सरकार का दोहरा चेहरा देखने को मिल रहा है।

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