Karva Chauth 2023 : ऐसे करें व्रत की शुरुआत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भोग

Karva Chauth 2023 : हिंदू धर्म में करवा चौथ का बड़ा महत्व है। इस विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत प्रात: सूर्योदय से ही शुरू हो जाता है और चांद दिखने के बाद अर्ध्य देकर खोला जाता है। इस दिन महिलाएं छलनी में अपने पति का चेहरा देकर और उनके हाथों से पानी पीकर ही अपना व्रत खोलती हैं।

Karva Chauth 2023 1 | Sach Bedhadak

Karva Chauth 2023 : हिंदू धर्म में करवा चौथ का बड़ा महत्व है। इस विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत प्रात: सूर्योदय से ही शुरू हो जाता है और चांद दिखने के बाद अर्ध्य देकर खोला जाता है। इस दिन महिलाएं छलनी में अपने पति का चेहरा देकर और उनके हाथों से पानी पीकर ही अपना व्रत खोलती हैं। व्रत खोलने से पहले महिलाएं करवा चौथ के व्रत के दिन जल, अन्न ग्रहण नहीं करती हैं।

ऐसे करें करवा चौथ के व्रत की शुरुआत

ज्योतिषों का कहना है कि करवा चौध के व्रत की शुरुआत सास के हाथ से सरगी लेकर की जाती है, जिसके बाद प्रात: ही स्नान ध्यान के प्रश्चात व्रत का संकल्प लिया जाता है। पूरा दिन निर्जला व्रत रहें। इस बीच संपूर्ण पूजन साम्री इकट्‌ठा कर लें। गाय के गोबर या मिट्‌टी से गौर गणेश बना लें, जिसके बाद माता गौर का आह्वान करें। उन्हें सुहाग का संपूर्ण श्रृंगार चढ़ाएं। करवा में गेंहूं और उसके ढक्कन में चीनी का बूरा रखें। रोली से करवा पर स्वास्तिक बनाएं। शाम को गौरी और गणेश की पूजा करें और कथा सुनें। रात्रि में चंद्रमा को देख पति से आशीर्वाद लेकर ही अपना व्रत खोले।

यह खबर भी पढ़ें:-Kartik Maas 2023: कार्तिक का महीना आज से शुरू, ऐसे करें पूजा और उपाय, धन की नहीं रहेगी कोई कमी

करवा चौथ को क्या चढ़ाएं भोग

करवा चौथ के भोग और व्रत के पारण के लिए आप अपनी सुविधा अनुसार भोग बना सकती हैं, जैसे पूड़ी, हलवा, चूरमा, दाल, कढ़ी, खरी और सब्जी इत्यादि। लेकिन एक बात का खास ख्याल रखें कि इन भोगों में लहसुन प्याज का प्रयोग न करें। इस व्रत में आप 56 प्रकार के भोग भी लगा सकती हैं। किसी प्रकार के खाद्य पदार्थ की इस व्रत में मनाही नहीं है।

करवा चौथ के व्रत का शुभ मुहूर्त

करवा चौध का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को 31 अक्टूबर मंगलवार को रात 9 बजकर 30 मिनट से यह व्रत शुरू होकर 1 नवंबर को रात 9 बजकर 19 मिनट तक है। करवा चौथ की पूजा 1 नवंबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 2 मिनट तक की जा सकती है। उस दिन चंद्रोदय 8 बजकर 25 मिनट पर होगा।

यह खबर भी पढ़ें:-Dussehra 2023: कानपुर में है 100 साल पुराना रावण का मंदिर, सिर्फ विजयादशमी के दिन खुलते हैं कपाट