मोदी लहर में भी निकाली सीट, अब भी टिकट की प्रबल दावेदार, निर्दलयों पर नजर, क्या है बानसुर में सियासी समीकरण?

राजस्थान के अलवर का बानसूर विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस और बीजेपी के लिए कई मायनों में अहम है। फिलहाल इस सीट से कांग्रेस की शकुंतला रावत विधायक हैं।

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान के अलवर का बानसूर विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस और बीजेपी के लिए कई मायनों में अहम है। फिलहाल इस सीट से कांग्रेस की शकुंतला रावत विधायक हैं। शकुंतला रावत फिलहाल गहलोत कैबिनेट में औद्योगिक मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी संभाल रही हैं। बीजेपी ने यहां से पूर्व यूआईटी चेयरमैन देवी सिंह भाटी को टिकट दिया है।

रिकॉर्ड जीत पहले विधायक के नाम

बानसूर विधानसभा क्षेत्र से सर्वाधिक जीत का रिकॉर्ड बानसूर के पहले विधायक बद्री प्रसाद शर्मा के नाम है, बद्री प्रसाद शर्मा ने पहला चुनाव 1951 में लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वे 1957, 1965, 1967, 1972 और 1980 के उपचुनावों में भी विधायक चुने गए। इसके बाद तीन बार जीतने का रिकॉर्ड जगत सिंह दायमा और रोहिताश शर्मा के नाम है। वहीं मौजूदा विधायक शकुंतला रावत मोदी लहर में भी यह सीट जीतने में सफल रहीं।

जातीय समीकरण

बानसूर विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी आबादी गुर्जर समुदाय की है, उसके बाद यादव और राजपूत मतदाता हैं। इस सीट पर हार-जीत मुख्य रूप से यही तीन जातियां तय करती हैं।

2023 विधानसभा चुनाव

2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से 15 दावेदार सामने आए हैं। हालांकि, इसमें सबसे मजबूत दावेदार मौजूदा विधायक शकुंतला रावत को माना जा रहा हैं। वहीं, 2018 के विधानसभा चुनाव में निर्दलय मैदान में उतर कर दूसरे नंबर पर रहने वाले नेता को भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहीं पार्टी से निकाले गए पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा भी निर्दलय मैदान में उतर सकते है। वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश यादव की भी बानसुर से चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है।