Rajasthan Election: ओपिनियन पोल से कितना अलग है एग्ज़िट पोल, जानिए कितना सही होता है ये

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में मतदान पूरा हो चुका है. इन सभी की किस्मत का फैसला 3 दिसंबर को होने वाला है। इससे पहले गुरुवार 30 नवंबर को एग्जिट पोल आ गए हैं।

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Rajasthan Election 2023: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में मतदान पूरा हो चुका है. इन सभी की किस्मत का फैसला 3 दिसंबर को होने वाला है। इससे पहले गुरुवार 30 नवंबर को एग्जिट पोल आ गए हैं। कई न्यूज चैनलों और संगठनों के एग्जिट पोल सामने आए हैं। ये चुनाव काफी दिलचस्प है। कुछ भी कहना मुश्किल है, लेकिन इससे पहले राजनीतिक विश्लेषक की ओर से भी कई दावे किए गए थे। ऐसे में एग्जिट पोल काफी अहम हो जाते हैं।

कितने सही है एग्जिट पोल

कल सभी के एग्जिट पोल जारी हो गए हैं। इसके बाद सवाल उठता है कि ये एग्जिट पोल कितने सही हैं? तो हम आपको बता दें कि इससे पहले 2013 और 2018 में कुछ ही एग्जिट पोल सटीक नतीजे के करीब पहुंचे थे। हालाँकि, उसमें मिले संकेत सटीक थे। 2013 में बीजेपी की जीत और 2018 में कांटे की टक्कर की सटीक भविष्यवाणी एग्जिट पोल्स ने की थी। इस बार भी कुछ ऐसा ही मुकाबला देखने को मिल रहा है।

पहले जानिए कि क्या ये एग्जिट पोल है?

दरअसल, एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे होता है। वोटिंग के दिन जब मतदाता वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर आता है तो वहां अलग-अलग सर्वे एजेंसियों और न्यूज चैनलों के लोग मौजूद होते हैं। वह वोटर से वोटिंग को लेकर सवाल पूछते हैं। इसमें उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट दिया है? इस तरह हर विधानसभा के अलग-अलग मतदान केंद्रों से मतदाताओं से सवाल पूछे जाते हैं। वोटिंग ख़त्म होने तक ऐसे सवालों पर बड़ी संख्या में डेटा इकट्ठा हो जाता है। इन आंकड़ों को इकट्ठा करके और उनके जवाबों के हिसाब से अंदाजा लगाया जाता है कि जनता का मूड किस तरफ है?

कितने लोगों से प्रश्न पूछा जाता है?

एग्जिट पोल करने के लिए किसी सर्वे एजेंसी या न्यूज चैनल का रिपोर्टर किसी बूथ पर जाता है और वहां लोगों से बात करता है। यह पहले से तय नहीं होता कि वह किससे सवाल करेंगे? आम तौर पर एक मजबूत एग्जिट पोल के लिए 30-35 हजार से एक लाख वोटरों के बीच बातचीत होती है। इसमें क्षेत्रवार हर वर्ग के लोग शामिल हैं।

ओपिनियन पोल और एग्ज़िट पोल में क्या अंतर है?

चुनाव से पहले ओपिनियन पोल कराए जाते हैं। ओपिनियन पोल में सभी लोग शामिल होते हैं, चाहे वे मतदाता हों या नहीं। राय-नतीजों के लिए चुनावी नजरिए से क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की जाती है। इसके तहत क्षेत्रवार यह जानने की कोशिश की जाती है कि जनता किस बात से नाराज है और किस बात से संतुष्ट है।

वोटिंग के तुरंत बाद एग्जिट पोल आयोजित किए जाते हैं। एग्जिट पोल में सिर्फ वोटरों को शामिल किया जाता है। मतलब इसमें वही लोग शामिल होते हैं, जो वोट देकर बाहर आते हैं। एग्जिट पोल निर्णायक चरण में होता है। मतलब, इससे पता चलता है कि लोगों ने किस पार्टी पर भरोसा जताया है। वोटिंग पूरी तरह खत्म होने के बाद ही एग्जिट का प्रसारण किया जाता है।