Rajasthan Election 2023: इस विधानसभा में महिला होगी निर्णायक! क्योंकि पुरुषो से ज्यादा है महिला मतदाता की संख्या

25 नवंबर को राजस्थान में 5.26 करोड़ मतदाता अपने लिए आने वाली सरकार को चुनने जा रहे है। दोनो पार्टियां मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। जहां एक तरफ गहलोत सरकार अपनी योजनाओं के नाम पर वोट मांग रही है।

Rajasthan Police 68 | Sach Bedhadak

Rajasthan Election 2023: 25 नवंबर को राजस्थान में 5.26 करोड़ मतदाता अपने लिए आने वाली सरकार को चुनने जा रहे है। दोनो पार्टियां मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। जहां एक तरफ गहलोत सरकार अपनी योजनाओं के नाम पर वोट मांग रही है। वहीं, बीजेपी राजस्थान में परिवर्तन की बात कर रही है। लेकिन, इन पांच सालों में राजस्थान में 22 लाख 20 हजार से अधिक युवा वोटर 2023 के चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे। इधर, राजस्थान में एक सीट ऐसी भी है जहां पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। आइए जानते है इसके बारें में…

निंबाहेड़ा विधानभा में महिलाओं की संख्या ज्यादा

प्रदेश में निंबाहेड़ा एकमात्र ऐसी विधानसभा सीट है जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों मतदाताओं से अधिक है। इस विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 275328 है। इनमें से 137733 महिला और 137591 पुरुष मतदाता हैं यानी 142 महिला वोटर ज्यादा है। वहीं, चार थर्ड जेंडर वोटर भी हैं।

राजस्थान में कुल मतदाताओं की संख्या

राजस्थान में वर्तमान में कुल मतदाताओं की संख्या 5.26 करोड़ हैं। इनमें 2.51 करोड़ महिलाएं और 2.73 करोड़ से ज्यादा पुरुष मतदाता हैं। थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या प्रदेश में 606 है। 22 लाख 20 हजार से अधिक युवा वोटर 2023 के चुनाव में पहली बार मतदान करने जा रहे है। प्रदेश की 200 विधानसभाओं सीटों पर औसतन पांच से 14 हजार नए वोटर हर जुड़े हैं।

एक नजर आंकड़ों पर

  • राजस्थान विधानसभा चुनावों में इस बार 22 लाख 20 हजार नौ सौ तेरह वोटर पहली बार मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
  • विधानसभा चुनाव 2018 में करीब 130 से ज्यादा सीटें ऐसी थीं, जहां जीत और हार का अंतर इस बार जुड़े वोटरों से कम था
  • नए वोटरों का रुझान इस बार निर्णायक साबित हो सकता है
  • प्रदेश की 200 विधानसभाओं में इस बार लगभग पांच से 14 हजार वोटर हर विधानसभा में नए जुड़े
  • साल 2018 के चुनावों में करीब 10 सीटें तो ऐसी थीं, जहां मार्जिन हजार वोटों से भी कम था