Rajasthan Election 2023: इस बार ‘गठबंधन’ की राजनीति का सूखा! BJP-कांग्रेस दोनों दल काट रहे कन्नी

राजस्थान में गठबंधन की राजनीति की भी अलग सियासी कहानी रही है।

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में गठबंधन की राजनीति की भी अलग सियासी कहानी रही है। प्रदेश में भाजपा के दिग्गज नेता भैरोंसिंह शेखावत के नेतृत्व में आठ साल तक चली गैर कांग्रेसी सरकार पहली बार इसी सियासी गणित का फेर था। पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने 2 सीट राष्ट्रीय लोक दल, 2 सीट लोकतांत्रिक जनता दल (शरद यादव) और एक सीट एनसीपी को दी थी, लेकिन इनमें से केवल एक सीट पर ही गठबंधन की जीत हुई थी।

वहीं भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 25 सीटों पर समीकरण साधने के लिए हुनमान बेनीवाल की पार्टी से गठबंधन किया था और उसके बाद हुए खींवसर के उपचुनाव में सीट गठबंधन के नाम की थी, लेकिन इस बार दोनों ही दलों में राजनीतिक गठबंधन को लेकर ना नुकर की स्थिति दिखाई दे रही है। भाजपा साफ तौर पर किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार कर चुकी है। वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता भी गठबंधन से गुरेज कर रहे हैं। 

बीजेपी नहीं देना चाहती कोई सीट 

राजस्थान बीजेपी जेजेपी को कोई सीट नहीं देना चाहती है। बीजेपी नेता इसका विरोध कर रहे हैं। यही वजह है कि बीजेपी आलाकमान ने पहली सूची में जेजेपी का गढ़ माने जाने वाले सीकर में उम्मीदवार उतारी है। ऐसे में अब अनुमान लगाया जा रहा है कि चुनाव में इससे बीजेपी सहित कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।

कांग्रेस को भी कम नुकसान नहीं 

बता दें कि अजय चौटाला दांतारामगढ़ से विधायक भी रह चुके हैं, जबकि नंद किशोर महरिया फतेहपुर से विधायक रह चुके हैं। अगर बीजेपी और जेजेपी के बीच गठबंधन नहीं हुआ तो इसका नुकसान बीजेपी को ज्यादा होगा। क्योंकि जेजेपी का जाटों के बीच प्रभाव माना जाता है। हालांकि सीकर में कांग्रेस को भी कम नुकसान नहीं होने वाला है।

कांग्रेस में भी फंसा हुआ है पेंच 

टिकट वितरण से पहले ही सत्तारूढ़ कांग्रेस में समान विचारधारा वाले दलों से विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर पेंच फं सता नजर आ रहा है। गठबंधन को लेकर स्टेट लीडरशिप ही एक मत नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के सहयोगियों और प्रदेश के कुछ समान विचारधारा वाले दलों को कुछ सीटें दी जाएं, वहीं कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पूर्व कै बिनेट मंत्री हरीश चौधरी खुलकर गठबंधन के विरोध में हैं।

दोनों ही नेताओं का कहना है कि राजस्थान में गठबंधन की कोई जरूरत नहीं है, कांग्रेस पार्टी अपने दम पर सरकार बना सकती है। पहले भी कांग्रेस अपने दम पर कई बार सरकार बना चुकी है। इंडिया गठबंधन केंद्रीय स्तर पर बना है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रंधावा कह चुके हैं कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान में गठबंधन करना है या नहीं इसका फैसला पार्टी हाई कमान को करना है।

जेजेपी 25 से 30 सीटों पर उतारेंगी प्रत्याशी 

विधानसभा चुनाव में जेजेपी पार्टी में 25 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह बात जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला ने हरियाणा के सिरसा में कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद कही है। जेजेपी का जनाधार सीकर जिले में माना जाता है। देवीलाल सीकर से चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं, सीकर जिले के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट की आस में बैठे नंदकिशोर महरिया ने जेजेपी की ओर से चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

चौटाला ने साफ कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन की कोशिश कर रही है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो अके ले ही चुनाव लड़ेगी। अजय सिंह के ऐलान के बाद भाजपा के सियासी समीकरणों को लेकर एक बार फिर से सोचना होगा। अभी जेजेपी एनडीए का हिस्सा है। हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन है। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह ने हाल ही में राजस्थान का दौरा किया था। संकेत दिया था कि उनकी पार्टी 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

  • श्रवण भाटी

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