Chittorgarh Vidhan Sabha: BJP दो बार से मजबूत स्थिति में, कांग्रेस के दांव पर भी नजर, क्या है समीकरण

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मध्यनजर लगातार राजनीति पार्टियां 2023 में अपनी सरकार बनाने को लेकर जोरों शोरों से तैयारियों में जुटी है। इस बीच सच बेधड़क भी आपको लगातार राजस्थान की 200 विधानसभा सीट को लेकर प्रत्येक सीट के समीकरण बता रहा है।

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मध्यनजर लगातार राजनीति पार्टियां 2023 में अपनी सरकार बनाने को लेकर जोरों शोरों से तैयारियों में जुटी है। इस बीच सच बेधड़क भी आपको लगातार राजस्थान की 200 विधानसभा सीट को लेकर प्रत्येक सीट के समीकरण बता रहा है। इस बीच आज हम आपको मेवाड़ के चित्तौड़गढ़ जिला की चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट के बारें में जानकारी देगे। यहां पर सियासी समीकरण क्या है? आइए जानते है…

उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत जैसे दिग्गजों ने लड़ा चुनाव

मेवाड़ का चित्तौड़गढ़ जिला राज्य के दिग्गजों के लिए चुनावी रणभूमि रहा है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत, जसवन्त सिंह, डॉ. गिरिजा व्यास, नरपत सिंह राजवी और महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ जैसे दिग्गज इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर राजनीति के शिखर तक पहुंचे। जिले की पांच विधानसभा सीटों में चित्तौड़गढ़, निंबाहेड़ा, बड़ी सादड़ी कपासन और बेगूं शामिल हैं।

सीपी जोशी के कंधो पर जिम्मेदारी

चित्तौड़गढ़ विधानसभा समान्य सीट है। ये चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट का हिस्सा है, जो मेवाड़ इलाके में पड़ता है। भाजपा सांसद और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी यहीं से आते है। 2023 के चुनाव में सीपी जोशी को यहां पर अच्छा प्रर्दशन करके अपने आप को साबित करना होगा। जोशी के लिए यह इतना मुश्किल भी नहीं होगा। क्योंकि यहां पर बीजेपी की अच्छी पकड़ है।

मतदाताओं की संख्या

2017 की मतदाता सूची के अनुसार चित्तौड़गढ़ विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 2,43,395 है और 263 मतदान केंद्र हैं।

पिछले तीन चुनाव में से 2 में बीजेपी ने मारी बाजी

  • 2018 में चित्तौड़गढ़ विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानसिंह आक्या ने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के सुरेंद्रसिंह जाड़ावत को 23894 मतों से हराया। जो 1952 के पहले चुनाव से आज तक इस विधानसभा सीट पर सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले सबसे बड़ी जीत 1977 में 22825 मतों की थी।
  • 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के चंद्रभान सिंह आक्या ने कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को 11850 वोटों से हराया था। इस सीट पर बीजेपी को 50.4 फीसदी वोट मिले जबकि कांग्रेस को 43.4 फीसदी वोट मिले। वोटों की बात करें तो बीजेपी के चंद्रभान सिंह (आक्या) को कुल 85391 वोट मिले और कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को 73541 वोट मिले.
  • 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा सरकार में शहरी विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी को 11551 वोटों से हराया था। कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को 67959 वोट मिले, जबकि बीजेपी के श्रीचंद कृपलानी को 56408 वोट मिले।