Anta Vidhan Sabha: एक बार BJP, एक बार कांग्रेस…निर्दलीय ने भी मारा हाथ, अबकि बार किस की होगी सीट?

राजस्थान विधानसभा चुनाव के मध्यनजर हम आपको लगातार 200 विधानसभा सीटों के समीकरण बता रहे है। इसी क्रम में आज हम बारां जिले की अंता विधानसभा सीट के बारें जानकारी देगे।

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के मध्यनजर हम आपको लगातार 200 विधानसभा सीटों के समीकरण बता रहे है। इसी क्रम में आज हम बारां जिले की अंता विधानसभा सीट के बारें जानकारी देगे। अंता विधानसभा सीट कृषि की दृष्टि से उपजाऊ क्षेत्र है। यहां के अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर हैं। नहरी क्षेत्र होने के कारण यहां के किसानों की स्थिति कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है।

मंत्री प्रमोद जैन भाया विधायक

बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर अभी कांग्रेस का कब्जा है। यहां से सरकार के मंत्री प्रमोद जैन भाया विधायक हैं। 2018 के चुनाव में भाया ने पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को 34063 वोटों से चुनाव हराया था। पिछले चुनाव में इस सीट पर आम आदमी पार्टी को और बीएसपी ने भी चुनाव लड़ा, लेकिन वो यहां पर कुछ खास प्रर्दशन नहीं कर पाई थी।

2013 का चुनाव रहा बीजेपी के पक्ष में

विधानसभा चुनाव 2013 में चुनाव नतीजों में मंत्री प्रमोद जैन भाया को हार का सामना करना पड़ा था। प्रभुलाल सैनी माली ने भाया को 3399 वोटों से हराया था। इस क्षेत्र में माली समुदाय के अधिक वोट होने का प्रभुलाल सैनी को इसका फायदा हुआ था। सैनी को 69960 वोटों के साथ 50 फीसदी वोट मिले। जबकि कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया को 66561 वोटों के साथ 47 फीसदी वोट मिले थे।

2008 के चुनाव का नतीजा किसके पक्ष में था?

2008 के चुनाव की बात करें तो यहां प्रमोद कुमार ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुवीर सिंह कौशल को हराया था. प्रमोद कुमार को 56519 वोट मिले थे। जबकि बीजेपी के कौशल को 26851 वोट ही मिल सके।

कितने वोटर, कितनी आबादी

अंता विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 16 हजार 569 मतदाता हैं, जिनमें 1 लाख 11 हजार 869 पुरूष एवं 1 लाख 4 हजार 700 महिला मतदाता हैं।

अंता सीट पर जातीय समीकरण

जातीय समीकरण की बात करें तो अंता विधानसभा क्षेत्र माली बहुल क्षेत्र है। यहां माली समाज के करीब 40 हजार मतदाता हैं और मीना जाति के करीब 30 हजार लोग रहते हैं। अंता विधानसभा में माली समाज बहुसंख्यक माना जाता है। इसके अलावा एससी समुदाय भी करीब 35 हजार की संख्या में मौजूद है। जबकि, धाकड़ समाज भी बहुसंख्यक माना जाता है।

भाया ने निर्दलीय भी जीता चुनाव

2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रेम नारायण गालव और निर्दलीय प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया और कांग्रेस के शिवनारायण नागर के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा गया. जिसमें प्रमोद जैन भाया ने बीजेपी के दिग्गज प्रेम नारायण गालव और कांग्रेस के शिवनारायण को हराकर निर्दलीय चुनाव जीता। इस चुनाव में प्रमोद जैन ने करीब 6750 वोटों से जीत हासिल की थी।