राजस्थान यूनिवर्सिटी में 457 शिक्षकों के भरोसे 30,000 से ज्यादा छात्र, प्रोफेसर नहीं, कैसे पढ़ें स्टूडेंट्स? 

जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। स्तर गिरे भी क्यों नहीं, जब शिक्षक ही नहीं है तो स्तर कैसे…

More than 30,000 students rely on 457 teachers in Rajasthan University, not professors, how to read students

जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। स्तर गिरे भी क्यों नहीं, जब शिक्षक ही नहीं है तो स्तर कैसे सुधरेगा? यूनिवर्सिटी में क्वालिटी एजुकेशन के नाम पर केवल खानपूर्ति हो रही है। विश्वविद्यालय में कुल 1016 शैक्षणिक पद स्वीकृत है, लेकिन आधे पदों पर ही शैक्षणिक कर्मचारी लगे हुए हैं। 

पिछले दिनों निकले रोस्टर के अनुसार विवि में केवल 457 पदों पर ही शैक्षणिक कर्मचारी हैं। शिक्षकों की कमी से विवि की रैंकिंग भी लगातार गिर रही है, वहीं स्टूडेंट्स को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है। विवि के पीजी डिपार्टमेंट के अलावा संघटक कॉलेज महाराजा, महारानी, राजस्थान और कॉमर्स सहित आरए पोद्दार संस्थान शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है।

प्रभावित हो रहे हैं स्टूडेंट्स 

विवि में शिक्षक नहीं होने से स्टूडेंट्स पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हजारों रुपए की फीस देने के बावजूद समय पर कक्षा नहीं हो पाती और ना ही सिलेबस समय पर हो पाता है। प्रोफेसर की कमी से विवि में सबसे ज्यादा शोध कार्य भी प्रभावित हो रहा हैं। स्टूडेंट्स को गाइड नहीं मिल रहे है और शिक्षकों की कमी से पीएचडी की सीटें भी कम होती जा रही है।

ऐसे समझें शिक्षकों का गणित 

यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक कुल 1016 पद स्वीकृत है। इसमें 457 शिक्षक लगे हुए हैं। इनमें से कई शिक्षकों के पास विभागाध्यक्ष, अध्ययन केंद्र के चार्ज है। जो अध्यापन कार्य तो दूर की बात है, विभाग तक नहीं आते। 

पद नाम           स्वीकृत पद         कार्यरत        खाली पद  

प्रोफेसर         62                 03               59 

एसो. प्रोफेसर 139                   21                  118 

असि. प्रोफेसर   815                   433                 382 

टोटल               1016                   457                559

शिक्षा का एक सिस्टम है  

राजस्थान यूनिवर्सिटी में 1978 में जब मैंने ज्वाइन किया, स्टूडेंट्स की संख्या अनुपात में शिक्षक थे। शिक्षा का एक सिस्टम है। स्टूडेंट्स, शिक्षक और सरकार। ये सब मिलकर इस सिस्टम को पूरा करते हैं, जिसमें शिक्षक रीढ़ है। कोठरी कमेटी के अनुसार स्टूडेंस्ट और शिक्षक का अनुपात 1:20 था। 70 प्रतिशत कक्षा खाली है जो चुनौतीपूर्ण हैं। जब कक्षाएं ही खाली है तो विवि कैसे चलेगा। केंद्रीय यूनिवर्सिटी में 1:10 का अनुपात है जिससे शिक्षा का स्तर उच्च हैं- आरके कोठारी, पूर्वकुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय

2018 में हुई थी भर्ती 

विवि में 5 साल पहले 2018 में भर्ती हुई थी। 2018 में 159 पदों पर भर्ती हुई जो काफी विवादों में रही। विवि में शिक्षकों की कमी से न तो समय पर कक्षा आयोजित हो रही है और ना ही स्टूडेंट्स को गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा मिल रही है। विवि में करीब 30 हजार के करीब स्टूडेंट है जो केवल 457 शिक्षकों के भरोसे है। इसमें से भी कई शिक्षक लेब, लाइब्रेरी, फिजिकल एजुकेशन के है। विवि में एक शिक्षक के अनुपात में करीब 66 स्टूडेंट्स आ रहे है। वहीं कोठारी कमीशन के अनुसार 1:20 मतलब की 20 स्टूडेंट्स पर एक शिक्षक जरूरी है।

(कंटेंट- श्रवण भाटी)

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