Kota: क्या मोदी के चेहरे और ओम बिडला की लोकप्रियता पर पड़ेंगे वोट? या चलेगा जातीय समीकरण, जानिए यहां

Kota Lok Sabha Constituency: कोटा-बूंदी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस अपना दमखम दिखाने में जुटी हैं। जानिए यहां के जातीय समीकरण।

Kota Lok Sabha Constituency 1 | Sach Bedhadak

Kota Lok Sabha Constituency: राजस्थान में कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में भारी कसमकस चल रही है। बीजेपी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस बीजेपी के बागी नेता प्रहलाद गुंजल पर गेम खेलकर यह सीट निकालने के लिए पूर जोर कोशिश कर रही है। लेकिन इस सीट पर आजादी के बाद का इतिहास कुछ और बयां कर रहा है। इस सीट पर बीजेपी को 7 बार, कांग्रेस 4 और 3 बार भारतीय जनसंघ का कब्जा रहा है। इसके अलावा एक जनता पार्टी एक बार भारतीय लोकदल ओर एक बार निर्दलीय प्रत्याशी ने इस सीट को जीता है।

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कब किसने परचम लहराया?

कोटा लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो यहां 1952 में हुए आम चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से नेमीचंद कासलीलवा ने जीत का परचम लहराया था। 1957 में कांग्रेस के ओंकारलाल, 1962, 1967 और 1957 में जनसंघ का कब्जा रहा। 1977 में जनसंघ पृष्ठभूमि के उम्मीदवार कृष्णकुमार गोयल ने जीत दर्ज की और 1980 में जनता पार्टी के टिकट से फिर से गोयल जीत गए। 1984 के कांग्रेस के शांति धारीवाल, 1989 में बीजेपी के दाऊदयाल जोशी ने जीत दर्ज की।

इसके बाद दाऊदयाल जोशी 1996 तक लगातार तीन बार यहां से सांसद रहे। वहीं 1998 में कांग्रेस के रामनारायण मीणा यहां से जीते। 1999 में बीजेपी के रघुवीर सिंह कौशल ने रामानारायण मीणा को हराकर सीट पर कब्जा किया और 2004 में फिर से जीत का इतिहास दोहराया।

लोकसभा चुनाव 2009 में कोटा राजघराने के इज्यराजसिंह ने कांग्रेस को इस सीट पर जीत दिलाई। 2014 में बीजेपी के ओम बिडला ने बीजेपी को वापिस इस सीट पर काबिज किया। 2019 में ओम बिडला एक बार यहां से सांसद बने। अगर ओम बिडला इस बार कोटा से जीते तो वह जीत हैट्रिक लगा देंगे।

20.62 लाख वोटर्स तय करेंगे प्रत्याशी का भाग्य

कोटा-बूंदी लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीटों पर कुल 20.62 लाख मतदाता हैं। इसमें कोटा जिले की कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, लाडपुरा, सांगोद, पीपल्दा, रामगंजमंडी विधानसभा और बूंदी जिले की केशोरायपालटन और बूंदी विधानसभा सीट शामिल है। विधानसभा चुनाव में इन 8 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के 4 और 4 बीजेपी के विधायक काबिज हैं।

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कोटा लोकसभा सीट का जातीय समीकरण

कोटा-बूंदी लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां 2 लाख गुर्जर, 2 से 2.5 मीणा, 2.5 लाख मुस्लिम, 1.25 ब्राह्मण, 1 से 1.25 लाख वैश्य और 1 से 1.25 लाख राजपूत, 1.25 लाख माली, 3.5 लाख के करीब एससी और 1 लाख ओबीसी वोटर्स हैं।

कांग्रेस ने जहां गुर्जर जाति के प्रत्याशी को मैदान में उतारकर गुर्जर, मुस्लिम, मीणा और एससी वोटर्स पर दांव खेल रही है। वहीं बीजेपी कोटा में हवाई सेवा के मुद्दे के साथ 10 साल की सांसद की एंट्री इनकम्बेंसी के साथ जनता के बीच उतरी है। इसके अलावा बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और लोकसभा प्रत्याशी की लोकप्रियता को भुनाने के जुटी है।