आधुनिकता में कहीं खो गया सूटकेस, 12वीं सदी से माना जाता है इसका इतिहास 

हम जब कभी बाहर घुमने जाते हैं तो सबसे पहले अपना बैग पैक करते हैं। कई बार सामान इतना ज्यादा हो जाता है कि, व्यक्ति…

Lost suitcase somewhere in modernity, its history is believed to be from 12th century

हम जब कभी बाहर घुमने जाते हैं तो सबसे पहले अपना बैग पैक करते हैं। कई बार सामान इतना ज्यादा हो जाता है कि, व्यक्ति असमंजस में पड़ जाता है कि आखिर सामान किसमें रखा जाए। उस समय याद आता है ट्रॉली बैग। पहिए लगे होने के कारण इसे ट्रॉली बैग कहा गया, इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। यह एक आयताकार कंटेनर होता है, जिसमें छोटे से लेकर बड़े तक हर प्रकार का सामान आ जाता है। 

इससे पहले लोग सुटकेस का इस्तेमाल किया करते थे। प्लस्टिक से बने इस कंटेनर में पकड़ने के लिए एक हेंडल लगा होता था, जिससे इसे इधर-उधर ले जाने में आसानी होती थी। लेकिन जैसे-जैसे आधुनिकता का दौर आया तो, सुटकेस छोड़ लोग ट्रॉली बैग का इस्तेमाल करने लगे। अब लगभग हर व्यक्ति कि जिंदगी से सुटकेस ने मानों विदा ले ली है। हालांकि आधिकारिक दस्तावेजों के लिए अब भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। 

image 58 3 | Sach Bedhadak

इतिहास 

सूटकेस का इतिहास काफी पुराना है। इसकी शुरूआत 12वीं सदी से हुई मानी जाती है। लेकिन 19वीं सदी के अंत में इसका इस्तेमाल सबसे अधिक हुआ। इसके बाद ट्रॉली बैग का इस्तेमाल किया जाने लगा, जिसे लगेज बैग भी कहा जाता है। लगेज शब्द वर्ष 1596 में ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में जोड़ा गया था। दरअसल वर्ष 1153 में पहली बार ऐसे कंटेनर का आविष्कार किया गया था, जो हथियारों के परिवहन के लिए इस्तेमाल किया जाता था। 

इसके आविष्कार से पहले सामानों को लोहे और लकड़ी से बने थेले में ले जाया जाता था। 19वीं सदी के अंत तक सूटकेस का इस्तेमाल बहुत तेज हो गया। पहली बार सूटकेस का आविष्कार ब्रिटिश व्यापारियों ने किया था। इसके बाद 1930 के दशक में प्लास्टिक और कार्डबोर्ड जैसी हल्की सामग्री से सूटकेस बनाए जाने लगे। वर्ष 1940 के आस-पास एक जर्मन लगेज कंपनी रिमोवा ने पहला एल्युमीनियम का सूटकेस बनाया। 

सूटकेस के बारे में 

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सूटकेस एक प्रकार का आयताकार कंटेनर होता है। इसे आमतौर पर लोग यात्रा करते समय अपने साथ ले जाते थे। इसका उपयोग कपड़े और कई प्रकार के अन्य सामान ले जाने के लिए किया जाता है। सूटकेस पहली बार 19वीं शताब्दी के अंत में बनाया गया। उस समय बड़े पैमाने पर बढ़ती पर्यटन की लोकप्रियता के कारण लोगों ने इसे खूब पसंद किया। धीरे-धीरे हर व्यक्ति तक इसकी पहुंच हो गई। दरअसल आधिकारिक कपड़े जैसे- कोट पेंट रखने के लिए इसका उपयोग किया जाता था। क्योंकि इससे कपड़ों की तह नहीं बिगड़ती थी। इन्हें चमड़े या स्टील जैसी भारी सामग्री से मिलाकर बनाया जाता था। 

फिल्मों के बाद चलन में आए थे 

सूटकेस का चलन उस समय अधिक बड़ा जब लोगों ने इसे कई फिल्मों में देखा। 1920 के दशक में यह सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण हो गए। उस समय हार्डी बॉयज़ की सीरीज और मूक फिल्म द वूमन इन द सूटकेस जैसी फिल्मों में सुटकेस दिखाई दिए थे। वर्ष 1900 से 1960 के दशक तक कई होटलों ने विज्ञापन के तौर पर यात्रियों के सूटकेस पर लगेज लेबल लगा दिए थे। इसके बाद सूटकेस का चलन बढ़ता गया।

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