फंसा पेच: नर्सिंग-पैरामेडिकल भर्ती में देरी होने से टूट रहे अभ्यर्थियों के सपने

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग-पैरामेडिकल भर्ती के अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। भर्ती एजेंसी राज्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (शिफू) इन भर्तियों पर कछुआ चाल से काम कर रही है। शिफू ने आचार संहिता का बहाना बनाकर डेढ़ महीने तक चुनाव प्रक्रिया के दौरान भर्तियों को लेकर कुछ खास काम नहीं किया है।

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बजरंग लाल बुनकर, जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग-पैरामेडिकल भर्ती के अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। भर्ती एजेंसी राज्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (शिफू) इन भर्तियों पर कछुआ चाल से काम कर रही है। शिफू ने आचार संहिता का बहाना बनाकर डेढ़ महीने तक चुनाव प्रक्रिया के दौरान भर्तियों को लेकर कुछ खास काम नहीं किया है।

आचार संहिता हटते ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल जाए यह कहना बेमानी लग रहा है। वहीं इन भर्तियों को समय पर पूरा किया जाता तो अस्पताल में खाली पड़े चालीस हजार पदों को भरा जा सकता था। इससे प्रदेश के चिकित्सा तंत्र को मजबूती मिलती। साथ ही इससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को फायदा मिलता। भर्ती में आवेदन करने वाले अभ्यर्थी नियुक्ति की लगातार मांग कर रहे हैं। उनको चिंता है कि कहीं सरकार बदलते ही भर्तियां ठंडे बस्ते में नहीं चली जाए।

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अब लिया 31 जनवरी तक का समय

चिकित्सा विभाग में सरकारी नौकरी पाना अभ्यर्थियों के लिए दूर का सपना साबित हो रहा है। भर्तियों की वर्तमान स्थिति यह है कि भर्ती में बार-बार गड़बड़ी सामने आने पर सैंकड़ों रिट कोर्ट में लग चुकी है। इन रिटों के जवाब देते-देते थक चुकी शिफू ने अब 31 जनवरी तक का समय कोर्ट में जवाब देने के लिए मांगा है। जानकारों के अनुसार जरूरत से ज्यादा विभिन्न न्यायिक विवादों, अनुभव प्रमाण पत्र व बाहरी राज्यों की डिग्री की जांच जैसे कई मामले सामने आने पर यह निर्देश कोर्ट ने दिए है। ऐसे में 31 जनवरी के बाद ही भर्ती पर कु छ कार्यवाई हो सकेगी।

अभ्यथिर्यों को सता रही चिंता भर्ती में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को यह चिंता सता रही है कि कहीं राज्य में सरकार बदलते ही भर्तियां रद्द नहीं हो जाए। आशंका है कि भर्ती में बार-बार विवाद सामने आने पर नई सरकार इससे बचने के लिए ऐसा फैसला कर सकती है। ऐसा किया तो कई अभ्यर्थी ओवरऐज हो सकते हैं। वहीं नए नियम आने पर अपात्र भी हो सकते हैं। अभ्यर्थी प्रवीण, दिनेश, अरविंद आदि ने बताया कि सरकारी नौकरी के चक्कर में प्राइवेट नौकरी भी छोड़ दी। अब भर्ती जल्द पूरी नहीं की गई तो खाने के लाले पड़ सकते हैं।

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ACS ने दिया था आश्वासन

इन भर्तियों में सात भर्तियों की प्रोविजनल सूची जारी होने के बाद परिवेदना मांगी जा चुकी है, लेकिन अंतिम चयन सूची जारी नहीं की जा सकी है। जबकि फार्मासिस्ट भर्ती की तो अभी तक प्रोविजनल सूची भी जारी नहीं हो पाई। वहीं इससे पहले विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह ने बाहरी राज्यों का सत्यापन कार्य डेढ़ दो माह में कर नियुक्ति देने का आश्वासन अभ्यर्थियों को दिया था।

इन पदों पर होनी है भर्ती

पद संख्या
नर्सिंग ऑफिसर- 8750
एएनएम- 4847
फार्मासिस्ट- 3067
लैब टेक्नीशियन- 2190
असिस्टेंट रेडियोग्राफर- 1178
ईसीजी टेक्नीशियन- 246
डेंटल टेक्नीशियन- 151
नेत्र सहायक- 117

आचार संहिता लगी होने के कारण नर्सिंग-पैरामेडिकल भर्तियों पर ज्यादा कार्य नहीं हो पाया है। इसके हटने के बाद टीमें भेजकर बाहरी राज्यों की डिग्रियों का सत्यापन कार्य कर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। डॉ. ओपी थाकन, निदेशक, सीफू , जयपुर।