‘हमें 10 सालों तक मियां भाइयों के वोटों की जरूरत नहीं…’ बोले असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में है। सीएम सरमा ने रविवार (01 अक्टूबर) को कहा कि बीजेपी को अगले 10 वर्षों तक मियां भाइयों के वोटों की ज़रूरत नहीं है।

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Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में है। सीएम सरमा ने रविवार (01 अक्टूबर) को कहा कि बीजेपी को अगले 10 वर्षों तक मियां भाइयों के वोटों की ज़रूरत नहीं है, जब तक कि वे बाल विवाह की प्रथा को छोड़कर खुद में सुधार नहीं करते। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मियां लोग उनका और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हैं।

हमारा समर्थन करने में कोई बुराई नहीं

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, “बीजेपी जन कल्याण करेगी और वे हमारा समर्थन करेंगे लेकिन उन्हें हमें वोट देने की जरूरत नहीं है. हमारा समर्थन करने में कोई बुराई नहीं है. उन्हें हिमंत बिस्वा सरमा, नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लिए ‘जिंदाबाद’ के नारे लगाने दें.”

कट्टरवाद छोड़ेंगे तो हमें वोट दें

एक सवाल का जवाब देते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ”जब चुनाव आएगा तो मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे कहूंगा कि वे हमें वोट न दें। जब आप परिवार नियोजन अपनाएंगे, बाल विवाह रोकेंगे और कट्टरवाद छोड़ेंगे तो हमें वोट दें। इसे पूरा करने में 10 साल लगेंगे, ऐसे में हम अभी नहीं बल्कि 10 साल बाद वोट मांगेंगे.’

‘इन शर्तों के साथ बीजेपी को वोट दें’

उन्होंने कहा कि उनके और बीजेपी के पक्ष में वोट करने वालों को दो या तीन से ज्यादा बच्चे नहीं पैदा करने चाहिए, अपनी बेटियों को स्कूल भेजना चाहिए, बाल विवाह नहीं करना चाहिए और कट्टरवाद छोड़कर सूफीवाद अपनाना चाहिए। सरमा ने कहा जब ये शर्तें पूरी हो जाएंगी तो मैं आपके साथ वोट मांगने ‘चार’ जाऊंगा।”

अल्पसंख्यक छात्रों को पढ़ने का मौका

जब सीएम सरमा को बताया गया कि चार बंगाली भाषी मुस्लिम क्षेत्रों में स्कूल की उचित व्यवस्था नहीं है, तो उन्होंने कहा, “अगर उन्हें ऐसे क्षेत्रों में स्कूलों की अनुपस्थिति के बारे में सूचित किया जाएगा, तो तुरंत स्कूल स्थापित किए जाएंगे।” उन्होंने आगे कहा, ”ऐसा नहीं हो सकता कि अल्पसंख्यक छात्रों को पढ़ने का मौका नहीं मिलेगा, हम आने वाले दिनों में अल्पसंख्यक इलाकों में सात कॉलेज खोलेंगे।”