प्रवासी श्रमिकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हर व्यक्ति को मिले कल्याण योजनाओं का लाभ 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी श्रमिकों को केवल इस आधार पर राशन कार्ड देने से मना…

Supreme Court | Sach Bedhadak

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी श्रमिकों को केवल इस आधार पर राशन कार्ड देने से मना नहीं कर सकतीं कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत जनसंख्या अनुपात उचित तरह से नहीं रखा गया है। न्यायाधीश एम आर शाह और न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्ला की पीठ ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। 

साथ ही यह भी कहा कि किसी कल्याणकारी राज्य में सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों तक पहुंचे। पीठ ने कहा, हम यह नहीं कह रहे कि सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाई या कोई लापरवाही हुई है। फिर भी यदि कुछ लोग छूट जाते हैं तो केंद्र और राज्य सरकारों को देखना चाहिए कि उन्हें राशन कार्ड मिल जाए। 

केंद्र समलैंगिक विवाह काे मान्यता देने के खिलाफ

केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं शहरी संभ्रांतवादी विचारों को प्रतिबिंबित करती हैं और विवाह को मान्यता देना अनिवार्य रूप से एक विधायी कार्य है, जिस पर अदालतों को फैसला करने से बचना चाहिए। केंद्र ने याचिकाओं के विचारणीय होने पर सवाल करते हुए कहा कि सक्षम विधायिका को सभी ग्रामीण, अर्द्ध-ग्रामीण और शहरी आबादी के व्यापक विचारों और धार्मिक संप्रदायों के विचारों को ध्यान में रखना होगा। 

इस दौरान ‘पर्सनल लॉ’ के साथ-साथ विवाह के क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले रीति-रिवाजों और इसके अन्य कानूनों पर पड़ने वाले अपरिहार्य व्यापक प्रभावों को भी ध्यान में रखना होगा। केंद्र सरकार ने इस मामले से संबंधित याचिकाओं के जवाब में दायर शपथपत्र में यह प्रतिवेदन दिया। उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करेगी। इस मामले की सुनवाई और फैसला देश पर व्यापक प्रभाव डालेगा, क्योंकि आम नागरिक और राजनीतिक दल इस विषय पर अलग-अलग विचार रखते हैं।

(Also Read- West Bengal School Closed: तेज गर्मी के चलते एक सप्ताह के लिए स्कूल कॉलेज बंद, इन जिलों में खुले रहेंगे शिक्षण संस्थान)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *