समलैंगिक विवाह को मान्यता भारत की विवाह संस्था के लिए अभिशाप, विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जताया विरोध 

जयपुर। समलैंगिक विवाह की मान्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वहीं, समलैंगिक को लेकर हिंदूवादी संगठन लगातार विरोध जता रहे हैं।…

Recognition of same-sex marriage a curse for India's marriage institution, national president of Vishwa Hindu Parishad protested

जयपुर। समलैंगिक विवाह की मान्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वहीं, समलैंगिक को लेकर हिंदूवादी संगठन लगातार विरोध जता रहे हैं। जयपुर में चांदपोल स्थित नवनिर्मित भवन ज्योति सदन का लोकार्पण करने पहुंचे विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. आरएन सिंह ने समलैंगिक विवाह को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया। राष्ट्रीय अध्यक्ष सिंह ने पत्रकारों से कहा कि समलैंगिक विवाह भारत की विवाह संस्था के लिए अभिशाप हैंं। 

इसलिए उन्होंने माननीय सुप्रीम कोर्ट से निवेदन करते हुए कहा कि यह गंभीर विषय है। जिस मसले पर विचार करने लिए विधायिका पर छोड़ देना चाहिए। वहीं, सिंह ने राजस्थान सरकार की ओर जोधपुर में पाकिस्तान से विस्थापित हिन्दुओं के 40 घर बिना पूर्वसूचना के ध्वस्त करने की घटना को भी अमानवीय कृत्य बताते हुए निंदा की। उन्होंने कहा कि विहिप पाकिस्तान में फंसे हिन्दू समाज को आश्वासन देता हैं कि उनके हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। 

image 2023 04 30T091956.256 | Sach Bedhadak

पाकिस्तान के हिन्दू और सिख हमारे सहोदर भाई हैं। उन्होंने जयपुर के चिकित्सक वर्ग से भी संवाद किया और उन्हें अपने धर्म का वहन करते हुए सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करने का संदेश देते हुए, धर्मांतरण जैसे विषयों को लेकर चिंतन के साथ ही इस पर मंथन भी किया।

कांग्रेस को लिया आड़ेहाथ 

सिंह ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजस्थान की सरकार तुष्टीकरण की नीति अपना रही है। राजस्थान की सरकार का यह समाचार जब पाकिस्तान पहुंचेगा कि भारत में ही पाक हिंदूविस्थापितों के मकान तोड़े गए और भारत देश में ही पाक विस्थापितों के साथ दुर्व्यवहार हुआ है तो उन पर क्या बीतेगी। उन्हें सोचना होगा कि वह किससे अपनी परेशानी बताएंगे। पाकिस्तान से आए हिंदू भाई राजस्थान में रह रहे थे। उनको जबरदस्ती बिना किसी कोई कानूनी आधार पर एक एक रात में विस्थापित कर दिया गया।

मान्यता मिली तो होगी दुखद स्थिति 

सिंह ने कहा कि समलैंगिक विवाह को विधिक मान्यता देने में जो तत्परता दिखाई जा रही है, उसका विश्व हिंदू परिषद विरोध करता है। समाज में कोई भी इस तरह के विवाह को रीति या संस्कृति में स्वीकार नहीं करेगा। सिंह ने कहा कि जन भावना और संस्कृति को देखते हुए इस पर विधायिका निर्णय करें। आमजनता इसके विरोध में हैं। इसलिए विधायिका ही जन मानस की भावना के अनुसार समलैंगिक विवाह को लेकर अपना निर्णय तय कर देगी, लेकिन अगर इस तरह के विवाह को विधिक मान्यता दी जाती है तो सह समाज के लिए घातक होगा और स्थिति दुखद होगी।

दुर्भाग्य से ऐसा हुआ तो यह बहुत ही दुखद स्थिति होगी और समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। विश्व हिंदू परिषद इसी विश्वास पर मुहिम चला रही है। अगर सुप्रीम कोर्ट समझता है कि आज के समय पर इस पर बात करना जरूरी है तो मैं सर्वोच्च न्यायालय से निवेदन करूंगा आप इसे विधायिका पर छोड़ दें।

(Also Read- केंद्र की वेबसाइट पर अनाज मंडियों के भावों में भारी गड़बड़)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *