पाइपलाइन वाली रसोई गैस की कीमत 10% घटी, CNG भी सस्ती, अब ये होंगे CNG व PNG के दाम

कैबिनेट ने नेचुरल गैस की कीमत तय करने के नए फार्मूले को मंजूरी प्रदान की है। इसके लिए 2014 की गाइडलाइन में बदलाव किया गया है।

cng | Sach Bedhadak

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग के दौरान कई महत्वपूर्ण बड़े फैसले लिए गए। इनमें पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ा एक बड़ा फैसला यह लिया गया कि पाइप लाइन वाली रसोई गैस (पीएनजी) और सीएनजी सस्ती होगी। इसके साथ ही कैबिनेट ने नेचुरल गैस की कीमत तय करने के नए फार्मूले को मंजूरी प्रदान की है। इसके लिए 2014 की गाइडलाइन में बदलाव किया गया है। इसमें सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों पर अधिकतम सीमा भी तय की गई है, जिससे इनकी कीमतें 10 प्रतिशत तक घटेंगी।

एपीएम गैस को अधिशेष देशों के कच्चे तेल की कीमत से जोड़ेंगे

सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने एपीएम गैस (पारंपरिक या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस) केलिए चार डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (मैट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) के आधार मूल्य को मंजूरी दी है और अधिकतम मूल्य 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखने पर मुहर लगाई है। एपीएम गैस को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष देशों की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा।

ये होंगे CNG व PNG के दाम

इस फैसले के बाद दिल्ली में सीएनजी की कीमत 79.56 रुपए प्रति किलो से घटकर 73.59 रुपए प्रति किलो और पीएनजी की कीमत 53.59 रुपए प्रति हजार घन मीटर से घटकर 47.59 रुपए प्रति हजार घन मीटर हो जाएगी। मुंबई में सीएनजी की कीमत 87 रुपये की जगह 79 रुपए प्रति किलोग्राम और पीएनजी की कीमत 54 रुपए की जगह 49 रुपए प्रति हजार घन मीटर होगी।

हर महीने होगा कीमतों का निर्धारण

ठाकुर ने बताया कि इस फैसले के बाद एक अप्रैल से एपीएम गैस की कीमत भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम का 10 प्रतिशत होगी। हालांकि, यह कीमत 6.5 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश ताप इकाई (एमएमबीटीयू) से अधिक नहीं होगी। मौजूदा गैस कीमत 8.57 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है। उन्होंने बताया कि कीमतों का निर्धारण प्रत्येक महीने होगा, जबकि अब तक इनकी साल में दो बार समीक्षा की जाती थी।

सीएनजी की कीमत भी कुछ घटेगी

ठाकुर ने कहा कि पाइपलाइन वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में 10 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी। सीएनजी की भी थोड़ी कम कम होगी। पीएनजी और सीएनजी की दरें अगस्त 2022 तक एक साल में 80 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। इनकी कीमतें अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों के आधार पर तय होती हैं।

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