‘अटल, अंबेडकर से लेकर इंदिरा का जिक्र….’ भावुकता से लबरेज हुए PM, बोले- आज भी प्रेरणा देता है नेहरू जी का भाषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से लेकर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी तक का जिक्र किया।

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Parliament Special Session : नई दिल्ली। संसद का पांच दिवसीय सत्र आज से शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से लेकर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी तक का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू का भाषण हमें आज भी प्रेरणा देता है। इस दौरान पीएम मोदी भावुक नजर आए। क्योंकि, पुरानी संसद में आज संसद की कार्यवाही का आखिरी दिन है और मंगलवार से सदन की कार्यवाही नए संसद भवन में शुरू होगी।

लोकसभा में दिए गए अपने भाषण की शुरूआत में पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन का इतिहास बताते हुए कहा कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं। हम गर्व से कह सकते हैं कि भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के लगे थे।

पीएम मोदी ने कहा कि इस 75 वर्ष की हमारी यात्रा ने अनेक लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का उत्तम से उत्तम सृजन किया है और इस सदन में रहे प्रत्येक व्यक्ति ने सक्रियता से योगदान भी दिया है और साक्षी भाव से उसे देखा भी है। हम भले नए भवन में जाएंगे लेकिन पुराना भवन यानी यह भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।

पुरानी सदन से विदाई…बेहद भावुक पल : मोदी

पुराने संसद भवन के भीतर संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती हैं। हम इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है।

मैंने रेलवे प्‍लेटफॉर्म पर गुजारा बचपन…पहली बार संसद आया तो…

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पीएम मोदी ने कहा कि जब मैंने पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में प्रवेश किया, तो सहज रूप से मैंने इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर, इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन किया था। वो पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था। मैं कल्पना नहीं कर सकता कि रेलवे प्‍लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा संसद तक पहुंचता है। लेकिन, ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मुझे देशवासी इतना सम्मान देंगे।

अंबेडकर, नेहरू से लेकर वाजपेयी तक का किया जिक्र

अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, पंडित जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्‍त्री, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी के नाम का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू का ‘ए द स्‍ट्रोक ऑफ मिडनाइट…संबोधन हम सबको आज भी प्रेरित करता है। इसी सदन में अटल जी ने कहा था कि सरकारें आएंगी जाएंगी, पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी, लेकिन यह देश रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज का दिन इस सदन के सभी 7,500 से ज्यादा प्रतिनिधियों के गौरव गान के लिए है। बहुत सी बातें ऐसी थीं तो सदन में हर किसी की ताली की हकदार थीं लेकिन शायद राजनीति उसमें आड़े आ गई। नेहरू जी का गौरव गान अगर इस सदन में होता है तो किस सदस्य का ताली बजाने का मन नहीं करेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि इसी सदन में लाल बहादुर शास्‍त्री ने हरित क्रांति के लिए मजबूत नींव रखी थी। बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन और उसका समर्थन भी इसी सदन में इंदिरा गांधी ने किया था। इसी सदन ने आपातकाल में लोकतंत्र पर होता हुआ हमला भी देखा था और इसी सदन ने भारत के लोगों की ताकत का अहसास कराते हुए मजबूत लोकतंत्र की वापसी भी इसी सदन में हुई थी।

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