कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 86% घटी, खालिस्तान से जुड़े विवाद से क्या-क्या बदला

नई दिल्ली। कनाड़ा में पिछले साल खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का असर भारत के साथ रिश्तों पर दिख रहा है। निज्जर की हत्या…

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नई दिल्ली। कनाड़ा में पिछले साल खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का असर भारत के साथ रिश्तों पर दिख रहा है। निज्जर की हत्या के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान को लेकर भारत ने कनाडा के साथ राजनयिक संबंधों पर कड़ा रूख अख्तियार किया है। दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में शिक्षा भी अहम भूमिका निभाती है।

बता दें कि भारत से बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई करने कनाडा जाते हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से पढ़ाई के लिए कनाडा जाने वाले छात्रों की संख्या में भी 86 फीसदी तक की कमी आई है। कनाडा के आप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने भी इस बात को स्वीकार किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के आप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने कहा है कि भारत से आने वाले छात्रों की संख्या निकट भविष्य में बढ़ेगी, इसकी संभावनाएं क्षीण हैं।

गौरतलब है कि 18 सितंबर को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स का हाथ बताया था। जिसके बाद से यह विवाद बढ़ता चला गया। अब उसी का असर है कि भारतीय छात्रों की संख्या में यह कमी देखने को मिली है। कनाड़ा में भारतीय छात्रों की घटती संख्या को लेकर मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि इस स्थिति में जल्दी से सुधार होने की संभावना भी नहीं है क्योंकि अभी तक यह मामला सुलझ नहीं सका है।

भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों को निकाला

मार्क मिलर ने कहा कि भारत के साथ हमारे रिश्ते प्रभावित हुए हैं और उसके चलते नए आवेदनों को मंजूरी देने की क्षमता भी हमारी आधी ही रह गई है। बता दें कि अक्टूबर 2023 में कनाडा के 41 राजनयिकों को भारत से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। दरअसल, भारत सरकार ने कहा था कि यहां कनाडा के राजनयिकों की संख्या 62 है, जो अधिक है। इसके बाद उसने 41 राजनयिकों को बाहर जाने का आदेश दिया था। अब कनाडा के 21 अधिकारी ही भारत में काम कर रहे हैं। भारत का स्टाफ कनाडा में पहले से ही कम था। ऐसे में भारत का कहना था कि इस मामले में बराबरी होनी चाहिए।

दोनों देशों के बीच तनाव से भारतीय छात्रों का मोहभंग

41 राजनयिकों को निकाले जाने के दौरान ही कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा था कि इससे सेवाओं पर असर पड़ेगा। उनका कहना था कि दुर्भाग्य से इस निष्कासन से हमारा ऑपरेशन प्रभावित होगा और इसके चलते लोगों को भी समस्या उठानी होगी।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच तनाव के कारण पिछले साल की चौथी तिमाही में भारतीय छात्रों को जारी परमिट पिछली तिमाही की तुलना में 86 फीसदी गिरावट आई। 2023 में सिर्फ 14,910 भारतीयों ने ही कनाडा के लिए स्टडी परमिट लिया। जबकि उससे पहले 2022 में यह आंकड़ा 1 लाख 8 हजार 940 का था।

कनाडा में सालाना 13.64 खरब रुपए का राजस्व…

साल 2022 में कनाडा जाने वाले कुल छात्रों में 41 फीसदी भारतीय (2,25,835 छात्र) थे जो अपने आप में रोचक है। क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के कनाडा जाने से वहां की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सालाना लगभग 22 बिलियन कनाडाई डॉलर यानी 16.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई होती है। भारतीय राशि में इतनी रकम 13.64 खरब रुपए होती है।