Independence Day 2023: एक समय रहता था आतंक का खौफ, अब आजादी के जश्न में डूबा लाल चौक

77वें स्वतंत्रता दिवस पर देशभर में जश्न का माहौल है। इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से भी कुछ तस्वीरे सामने आई है। वीडियो में स्थानीय लोग लाल चौक पर बढी संख्या में एकत्र होते नजर आ रहे है। इस मौके पर लाल चौक के घंटाघर पर तिरंगा लहराने के साथ ही ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए गए।

image 15 | Sach Bedhadak

Independence Day 2023: 77वें स्वतंत्रता दिवस पर देशभर में जश्न का माहौल है। इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से भी कुछ तस्वीरे सामने आई है। वीडियो में स्थानीय लोग लाल चौक पर बढी संख्या में एकत्र होते नजर आ रहे है। इस मौके पर लाल चौक के घंटाघर पर तिरंगा लहराने के साथ ही ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए गए।

घंटाघर पर शान से लहराया तिरंगा

धारा 370 हटने के चार साल बाद अब घाटी का नजारा पूरी तरह बदल गया है। 15 अगस्त मंगवार को श्रीनगर के घंटाघर पर तिरंगा आन बान शान से लहराया गया है। यहां कभी आतंकवादी पाकिस्तानी झंडा लगाने की ख्वाहिश रखा करते थे। इधर, श्रीनगर के बक्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित समारोह में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस मौके पर गवर्नर मनोज सिन्हा ने राष्ट्रीय ध्वज को शान से फहराया।

एक समय रहता था लाल चौक पर सन्नाटा

90 के दशक की बात करें तो कश्मीर में आतंकवाद अपने चरम पर था। इस समय मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस रैली में देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे थे। बीजेपी की इस यात्रा ने 35 हजार किलोमीटर का सफर तय किया था। इस समय सुरक्षा का हवाला देते हुए लाल चौक पर तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन 26 जनवरी 1992 को श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया गया। इस दौरान बीजेपी को आतंकियों ने हमले की धमकी भी दी थी।

तिरंगा फहराने से रोकने के लिए दागे थे रॉकेट

बीजेपी को प्रशासन ने उस समय कड़ी सुरक्षा के बीच ध्वज फहराने के लिए 15 मिनट का समय दिया था। भारतीय ध्वज को लहराने से रोकने के लिए आतंकियों ने रॉकेट भी दागे थे, लेकिन इनका निशाने से चूक गया। 1992 में कश्मीर में के हालत इतने तनाव पूर्ण थे कि आतंकियों द्वारा पुलिस मुख्यालय को भी निशाना बनाया था।

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