Himachal Election 2022 : अब सचिन पायलट  की अग्निपरीक्षा…हिमाचल में लहराना है ‘हाथ’ का परचम  

Himachal Election 2022 : हिमाचल प्रदेश में चुनावी बिगुल फूंक दिया गया है। अब मुख्य राजनीतिक पार्टियां इस छोटे से राज्य में जीत हासिल करने…

Himachal Election 2022 : अब सचिन पायलट  की अग्निपरीक्षा…हिमाचल में लहराना है ‘हाथ’ का परचम

Himachal Election 2022 : हिमाचल प्रदेश में चुनावी बिगुल फूंक दिया गया है। अब मुख्य राजनीतिक पार्टियां इस छोटे से राज्य में जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोकेंगी। आज मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हिमाचल चुनाव का पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है। इसके मुताबिक हिमाचल प्रदेश का चुनाव एक ही चरण में होगा। 17 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी वहीं 12 नवंबर को मतदान तो 8 दिसंबर को नतीजे जारी होंगे। इस समय हिमाचल में भाजपा की सरकार है। हिमाचल का इतिहास भी लगभग राजस्थान जैसा ही रहा है। यानी यहां भी कोई भी पार्टी अपनी सरकार रिपीट नहीं कर पाई है।

सचिन पायलटके युवा कंधों पर चुनाव का दामोदार

इस परिपाटी से देखेंगे तो कांग्रेस के लिए यह चुनाव थोड़ा आसान माना जा सकता है। लेकिन किसी राज्य के चुनाव के नतीजे किसी परिपाटी से नहीं आंके जा सकते। पिछले विधानसभा चुनाव की बता करें तो यहां कांग्रेस की हार के दो मेन मुद्दे थे। जिसका भरपूर फायदा भाजपा ने उठाया। हिमाचल के मंडी जिले के सराज हलके के वनरक्षक होशियार सिंह की हत्या और राजधानी शिमला में दुष्कर्म मामले ने भाजपा को कांग्रेस के खिलाफ एक मजडबूत हथियार दे दिया था। जिसके बूते पर भाजपा इस चुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब हो गई थी।

हिमाचल की सत्ता में वापसी ही सचिन की परीक्षा

इस हार को हराना अब सचिन पायलट की पहली प्राथमिकता बन गया है। क्योंकि उन्हें हिमाचल प्रदेश में चुनाव का पर्यवेक्षक बनाया है, तो वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। युवा कंधों पर एक प्रदेश के चुनाव भार एक तरह से सचिन पायलट की इस चुनाव में अग्निपरीक्षा के बराबर होने वाला है। वजह सचिन पायलट इस चुनाव में जिस तरह का प्रदर्शन दिखाते हैं उन्हें आलाकमान वैसी ही जिम्मेदारी से आगे भी नवाजेगा। क्यों कि जिस तरह से राजस्थान के सियासी समीकरण बदले हैं उसे देखते हुए इस तरह की चर्चाएं सियासी महकमे का पारा बढ़ा रही हैं।

पायलट के सामने कई हैं चुनौतियां

सचिन पाय़लट इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे यह तो किसी से छुपा नहीं है लेकिन हिमाचल में जीत दर्ज करने के लिए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसमें सबेस बड़ी चुनौती है कि हिमाचल की जनता से इन नेताओं का जुड़ाव। दरअसल कांग्रेस की तरफ से जिन्हें हिमाचल के चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है उनमें से कोई भी इस प्रदेश से सीधा नहीं जुड़ा है। सचिन पायलट सालों से राजस्थान से जुड़े हुए हैं। तो भूपेश बघेल छतातीसगढ़ से तो पंजाब प्रताप सिंह पंजाब से जुड़े हुए हैं, कुल मिलाकर मामले का लब्बोलुआब है कि हिमाचल में इस प्रदेश का ही कोई नेता शीर्ष नेतृत्व नहीं कर रहा है, वो बात अलग है कि हिमाचल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री, महामंत्री से मेलजोल कर चुनावी खाका तैयार किया जाएगा लेकिन यह चुनाव में कितना कारगर होता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 68 में से 44 सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था तो कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी।

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