किसकी कितनी संख्या, कितनी हिस्सेदारी? बिहार में जारी हुए जातिगत जनगणना के आंकड़े…27 फीसदी OBC, 36 फीसदी अति पिछड़े

देश में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पहले एक नई बहस छिड़ गई है जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा सियासी दांव चलते हुए जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए हैं.

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Bihar Caste Survey 2023: देश में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पहले एक नई बहस छिड़ गई है जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा सियासी दांव चलते हुए जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए हैं. बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति के लोग रहते हैं.

वहीं इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा संख्या अति पिछड़ा वर्ग की है जहां पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग मिलाकर कुल 63 फीसदी आबादी रखते हैं. इसके अलावा यादव बिरादरी की संख्या 14 फीसदी है और ब्राह्मणों की संख्या करीब 4 फीसदी है. वहीं करीब 20 फीसदी लोग अनुसूचित जाति से आते हैं.

राज्य की कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा

बिहार सरकार में अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने जातीय आधारित गणना की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि राज्‍य में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा है।

  • 27.12% ओबीसी (पिछड़ा वर्ग)
  • 36.01% अति पिछड़ा वर्ग
  • 15.52% सामान्य वर्ग
  • 19.65% अनसूचित जाति
  • 1.68% अनुसूचित जनजाति

बिहार में किस धर्म की कितनी आबादी ?

  • हिन्दू- 81.99%
  • मुस्लिम- 17.70%
  • ईसाई-.05%
  • सिख- .01%
  • बौद्ध-.08%

किस जाति की कितनी आबादी?

  • ब्राह्मण- 3.67%
  • राजपूत- 3.45%
  • भूमिहार- 2.89%
  • कायस्थ – 0.60%
  • यादव – 14.26 %
  • कुशवाहा – 4.27
  • कुरमी- 2.87%
  • तेली- 2.81%
  • मुसहर- 3.08%
  • सोनार-0.68%
  • मल्‍लाह 2.60%
  • बढ़ई- 1.4%
  • कुम्हार- 1.4%
  • पासी- 0.9%
  • धोबी- 0.8%
  • मोची,चमार,रविदास- 5.2%

CM नीतिश कुमार ने ट्वीट कर दी जानकारी

इस संबध में नीतिश कुमार जानकारी साझा करते हुए एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई ! जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी।

आगे उन्होंने लिखा- इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।