24 साल बाद गैर नेहरू-गांधी परिवार से होगा अध्यक्ष, ऐसे 13 वें नेता होंगे अशोक गहलोत!

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने आज कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कोच्चि में मीडिया…

ashok gehlot

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने आज कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कोच्चि में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे अध्यक्ष बनते हैं तो राजस्थान के सीएम का पद छोड़ देंगे। वहीं अब अगर अशोक गहलोत बनते हैं तो यह कांग्रेस के 24 साल में सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

38 साल नेहरू-गांधी परिवार से अध्यक्ष

देश के आजाद होने से अब तक के 75 सालों में गांधी-नेहरू परिवार से 5 नेता अध्यक्ष रहे हैं। इनमें खुद जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं। वहीं पिछले 30 सालों की बात करें तो कांग्रेस अध्यक्ष के लिए होने वाला यह तीसरा चुनाव होगा। करीब 38 साल इस पार्टी का अध्‍यक्ष नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्‍य रहा है। पिछले 20 सालों से सोनिया गांधी और राहुल गांधी इस पद पर थे। अगर अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के सामने कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा होता है तो वे गैर नेहरू-गांधी परिवार से बनने वाले कांग्रेस के 13वें  अध्यक्ष होंगे।

आजादी के बाद से अब तक 12 नेता नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के रहे हैं। इनमें सबसे पहले अध्यक्ष आचार्य कृपलानी थे। इसके बाद पट्टाभि सीतारमैया, पुरूषोत्तम दास टंडन, उच्छंगराय लवलगढ़ ढेबर, नीलम संजीव रेड्डी, के कामराज, एस निजलिंगप्पा, जगजीवन राम, शंकरदयाल शर्मा, देवकांत बरूआ, पीवी नरसिम्हा, सीताराम केसरी गैर नेहरू-गांधी परिवार से अध्यक्ष रहे हैं। इनमें से पीवी नरसिम्हा और के कामराज ऐसे अध्यक्ष रहे हैं जिन्होंने पार्टी में कई बड़े बदलाव किए।

‘किंगमेकर’ के कामराज

1960 के दशक में के कामराज यानी कुमारस्वामी कामराज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। इन्हें कांग्रेस का ‘किंगमेकर’ कहा जाता था। वे इंदिरा गांधी की कैबिनेट में भी शामिल थे। उन्होंने दो बार कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभाला। अध्‍यक्ष रहते हुए उन्‍होंने नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्‍त्री और फिर इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाया। सबसे खास बात यह है कि के कामराज को ही देश का प्रधानमंत्री बनाने का फैसला सभी कांग्रेस नेताओं का था फिर भी उन्होंने खुद को अध्यक्ष पद पर रखते हुए दूसरे नेताओं को प्रधानमंत्री बनाया। इसलिए उन्हें किंगमेकर के नाम से जाना जाने लगा।

पी वी नरसिम्हा राव

पीवी नरसिम्हा राव ऐसे नेता थे जो प्रधानमंत्री रहते हुए कांग्रेस अध्‍यक्ष पद पर थे। 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद  पीवी नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई गई थी।  बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने देश की आर्थिक स्थिति की काया पलटने के लिए जाना जाता है। उन्होंने व्यापार को बढ़ाने के लिए देश के बाजार के दरवाजे बाहरी कंपनियों  के लिए खोल दिए थे। उनके इस कदम से देश लगभग ‘दिवालिया’ होते-होते बच गया था। इन्होंने विदेशी निवेश, पूंजी बाजार औऱ घरेलू व्यापार के क्षेत्र में बड़े स्तर पर काम किया।

यह भी पढ़ें- 73 साल मेें सिर्फ इतने नेता गैर नेहरू-गांधी परिवार के रहे अध्यक्ष, जानिए कितनों ने संभाली थी कुर्सी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *