मणिपुर में सेना तैनात, दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश

इंफाल। मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद हालात नाजुक हो गए हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए…

Army deployed in Manipur, orders to shoot rioters at sight

इंफाल। मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद हालात नाजुक हो गए हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गुरुवार को राज्य सरकार ने ‘गंभीर स्थिति’ में देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया है। वहीं, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 कॉलम को तैनात किया गया है। हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। 

राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि समझाने और चेतावनी के बावजूद स्थिति काबू में नहीं आने पर ‘देखते ही गोली मारने’ की कार्रवाई की जा सकती है। सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि हालात के दोबारा बिगड़ने की सूरत में कार्रवाई के लिए सेना के 14 कॉलम को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है। 

प्रवक्ता ने बताया कि सेना और असम राइफल्स ने गुरुवार को चुराचांदपुर और इंफाल घाटी के कई इलाकों में फ्लैग मार्च किया और काक्चिंग जिले के सुगनु में भी फ्लैग मार्च किया गया। वहीं, हिंसा की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की और राज्य की स्थिति का जायजा लिया।

केंद्र ने भेजी रैपिड एक्शन फोर्स 

मणिपुर में स्थिति की निगरानी कर रहे केंद्र ने ‘रैपिड एक्शन फोर्स’ (आरएएफ) की कई टीमों को भी भेजा है। आरएएफ की टीम शाम को इंफाल हवाई अड्डे पर उतरी। वहीं, गृह विभाग के एक आदेश में कहा गया कि शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए पांच दिन के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित हैं।

सीएम ने की लोगों से शांति की अपील 

लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि संपत्ति के नुकसान के अलावा कीमती जानें चली गई हैं, जो बहुत दूर भाग्यपूर्ण है। सिंह ने कहा कि हिंसा समाज में गलतफहमी का नतीजा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए सभी कदम उठा रही है। लोगों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बलों की मांग की गई है।

कुकी आदिवासियों ने छोड़ा इलाका 

स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काक्चिंग, थौबल, जिरिबाम और विष्णुपुर जिलों तथा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। इंफाल घाटी के कई इलाकों में कुकी आदिवासियों के घरों में तोड़-फोड़ की गई। पुलिस ने कहा कि इंफाल पश्चिम में कुकी बहुल लांगोल के 500 से अधिक लोग घर छोड़कर चले गए हैं।

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