कोरोना ने बढ़ाई लोगों की परेशानी, इन बीमारीयों का बढ़ा खतरा

देश में एक बार फिर कोरोना अपने पैर पसार रहा है। पिछले दो दिनों से लगातार कोरोना के केस बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले…

| Sach Bedhadak

देश में एक बार फिर कोरोना अपने पैर पसार रहा है। पिछले दो दिनों से लगातार कोरोना के केस बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 6 हजार मामले सामने आ चुके हैं। डॉक्टर्स और वैज्ञानिक कोविड के केस में आए उछाल का कारण नए वैरिएंट XBB.1.16 को मान रहे हैं। रिसर्च से ये पता चल रहा है कि, XBB.1.16 लगातार म्यूटेट हो रहा है। हालांकि, डॉक्टर्स का कहना है कि, वायरस इतना ज्यादा घातक नहीं है जितना साल 2021 में देखने को मिला था। इस बार डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों की परेशानी कोरोना नहीं बल्कि कोरोना के साथ आई अन्य परेशानियां और बीमारियां हैं। कोरोना से पैदा हुई बीमारियों ने लोगों का हाल कुछ इस कदर बिगड़ा है कि, उनकी समस्याएं और भी बढ़ गई हैं।

बढ़ा मेंटल डिसआर्डर

कोरोना के आने के बाद लोगों के दिमाग पर काफी गहरा असर पड़ा है। जिन लोगों ने कोरोना का सामना किया था उन्हें आगे चलकर ब्रेन फोग का सामना करना पड़ा है। इस वायरस के चलते मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के मामले में 40 फीसदी तक बढ़ोत्तरी देखी गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि घरों में बंद होने की वजह से लोग डिप्रेशन, एंग्जाइटी, मैमोरी लॉस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

सांसो पर बढ़ा खतरा

जैसा कि हम सब जानते हैं कि, कोरोना का सीधा असर हमारी सांस और फेफड़ों पर होता है। इसकी चपेट में आए भले ही कई लोग आज ठीक हो गए हो लेकिन, उन्हें आज भी सांस लेने में परेशानी हो रही है। थोड़ा सा चलने और काम करने पर ही सांस फूल रही है। आपको बता दें कि कोरोना से संक्रमित लोग स्थमैटिक, ब्रोकाइंटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के मरीज बन रहे हैं।

हार्ट अटैक कै खतरा

कोरोना ने शरीर के जिस हिस्से पर सबसे ज्यादा वार किया है वो है हमारा दिल। कोरोना के कारण कोरोनरी आर्टरी यानि दिल में ब्लड सप्लाई करने वाली नसें बहुत कमजोर हुई हैं। लोगों के दिल इस कदर कमजोर हो चुके हैं कि, अगर वो जरा ज्यादा काम कर लें तो उनको हार्ट अटैक का खतरा भी बड़ जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *