‘डोनों’ मूवी के प्रमोशन के लिए जयपुर आए राजवीर, अवनीश और पालोमा, बोले-स्टार बनने पर नहीं, एक्टिंग पर फोकस

राजवीर देओल, पलोमा ढिल्लन और अवनीश एस बड़जात्या अपनी अपकमिंग फिल्म ‘डोनो’ के प्रमोशन के लिए जयपुर आए। यहां फिल्म का एक गाना भी रिलीज भी किया गया।

rajveer deol and paloma dhillon | Sach Bedhadak

जयपुर। ‘मां ही इंडस्ट्री में सबसे पहले वेनिटी वैन का ट्रेंड लेकर आई थी। उनके पास जो उस जमाने में वेनिटी वैन थी, उसको मैंने भी देखा है। बहुत लंबे समय तक वह हमारे यहां खड़ी थी। हालांकि, अब नहीं है। मां मिस इंडिया रही थीं और उनका काम यशजी ने देखा था।’ यह किस्सा और कहानी है बॉलीवुड एक्ट्रेस पूनम ढिल्लन की बेटी पालोमा ढिल्लन के जो उन्होंने सनी देओल के बेटे राजवीर देओल और निर्देशक अवनीश एस बड़जात्या के साथ जयपुर में शेयर किए। तीनों यहां अपनी डेब्यू मूवी दोनों के प्रमोशन के लिए आए थे। इस दौरान उन्होंने मूवी के साथ-साथ फिल्मी खानदान पर बात की। साथ ही जयपुर में फिल्म का गाना खम्मा घनी रिलीज किया।

हां मैं राजस्थानी

अवनीश ने कहा, हां मैं राजस्थानी हूं। हमारा तो घर ही जयपुर में है। उसी बंगले में मैंने साइकिल चलाना सीखा था। ऐसे में राजस्थानी पृष्ब्ट भूमि की मूवी भी बनाने की इच्छा है। यदि अच्छी कहानी मिलेगी तो जरूर यहां पर एक मूवी बनाउंगा।

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इत्तेफाक है तीनों का डेब्यू साथ होना

राजवीर ने कहा कि तीनों का डेब्यू साथ होना कोई प्लानिंग नहीं थी। ये एक इत्तेफाक है। मैं करेक्टर से काफी रिलेट कर सकता था, इसलिए ये मूवी की। बात की जाए परिवार से टिप्स मिलने की तो बहुत से टिप्स मिले। घरवालों ने कहा, पूरा फोकस करो। दूसरी चीजों के लिए मत सोचो। स्टार बनने की नहीं, एक्टिंग पर ध्यान दो। बात की जाए गदर-2 की तो मैं बहुत खुश हूं। 22 साल के बाद आई है। पिता की कई मूवी-यहां वहां हो गई। ये उनका स्ट्रगल और मेहनत दर्शाता है। मुझे उनकी अर्जुन मूवी बहुत पसंद है।

प्रेशर नहीं, जिम्मेदारी है

अवनीश ने कहा, कोई प्रेशर नहीं है। मैं मानता हूं ये एक जिम्मेदारी है, जिसे हमें निभाना है। हमारे सीनियर्स ने जो कमाया है, उसे आगे बढ़ाना और फिल्म मेहनत से बनाना ही लक्ष्य है। इससे हमारे सीनियर्स हम पर गर्व करें। ये ही हमारी कोशिश है। हर डायरेक्टर चाहता है, जो लिखा है उसे सही एक्टर और एक्टर्स निभाए। हां, मैंने पिता को असिस्ट किया है और उन्हीं से तकनीकी सीखी है।

मैंने देखा था कि ऊंचाई मूवी के दौरान पहाड़ भी चढ़ रहे थे। वे चाहते तो मुझे बोल देते कि ये शॉट ले आ, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हर छोटे से छोटा शॉट उन्होंने स्वयं पूरा किया। मैंने भी ये ही अपनाने कोशिश की कि कोई शॉट छोटा नहीं होता है। बात की जाए इस मूवी के नाम की तो जब लिख रहे तो बहुत टाइम तक टाइटल मिल नहीं रहा था। फिर फिर गाने में से दोनों शब्द उठाए और मूवी का नाम दोनों हो गया।

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पहले एथलीट थी, फिर चुनी एक्टिंग

पलोमा ने कहा कि बचपन में तो मैं एथलीट थी। फिर कॉलेज में आई तो सिर्फ एक्टिंग के बारे में सोचती थी। कभी पीछे नहीं देखा और इसी में लगी रही। बात की जाए मेरे करेक्टर की तो 25 साल की लड़की का करेक्टर है, जो मुंबई में रिलेशनिशप में थी। इसके बाद कै से मोड़ लेकर कहानी आगे बढ़ती है, यह सब मूवी में दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि मां सबसे बड़ी प्रेरणा है। मां बहुत खुश हैं। प्राउड फील कर रही हैं। हां! मां मिस इंडिया रही थी, लेकिन हर किसी की अलग जर्नी होती है। मैंने क्राउन जीतने के बारे में नहीं सोचा। बात की जाए उनकी मूवीज की तो त्रिशूल और तेरी मेहरबानियां काफी पसंद हैं।