स्कूटी में डाल दिया ₹55,000 रुपए का पेट्रोल, Google Pay से हुआ यह कारनामा

डिजिटल पेमेंट करने के चक्कर में इस व्यक्ति को अपनी स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के लिए 55000 रुपए का पेमेंट करना पड़ा।

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कई बार जीवन में इस तरह की घटनाएं होती हैं जिन पर भरोसा करना लगभग असंभव सा हो जाता है। ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र के ठाणे में रहने वाले व्यक्ति के साथ हो गया। डिजिटल पेमेंट करने के चक्कर में इस व्यक्ति को अपनी स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के लिए 55000 रुपए का पेमेंट करना पड़ा। यह अलग बात है कि इस तरह की अजीबोगरीब घटना के पीछे तकनीक के साथ-साथ मानवीय त्रुटि का भी हाथ रहा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घटना कुछ यू हुई कि महाराष्ट्र के ठाणे में शेल के एक पेट्रोल पंप पर एक व्यक्ति अपनी स्कूटी लेकर उसमें पेट्रोल भरवाने पहुंचा। स्कूटी में उसने ₹550 का पेट्रोल भरवाया और ऑनलाइन पेमेंट कर दिया। पेमेंट करने के बाद उसे पता चला कि उसके बैंक खाते से ₹55000 रुपए कट गए।

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जब उस व्यक्ति ने इस घटना का कारण जानना चाहा तो उसे पता चला कि जब वह गूगल पे से पेमेंट कर रहा था तो वहां मौजूद पेट्रोल पंप अटेंडेंट ने उसे एक QR कोड दिया जिसे स्कैन कर उसे पेमेंट करना था।

QR Code बनाते समय हुई थी गलती

उस व्यक्ति ने इस QR कोड को स्कैन कर पेमेंट कर दिया और तभी उसे पता चला कि उसके खाते से ₹550 की बजाय ₹55000 कट गए। यहां पर गलती यह हुई थी कि पेट्रोल पंप अटेंडेंट ने QR Code जनरेट करते समय उसमें अमाउंट ₹550.00 के बजाय ₹55000 का फिगर डाल दिया था। इस कारण उसके खाते से इतने पैसे कट गए। हालांकि बाद में इस मैटर को तुरंत ही सॉल्व कर लिया और स्कूटी सवार व्यक्ति को यह पूरी राशि पेट्रोल का खर्चा काट कर वापिस कर दी गई।

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अटेंडेंट को देनी होगी ट्रेनिंग

डिजिटल पेमेंट करते समय जो लोग इस टेक्नोलॉजी का यूज कर रहे हैं, उन्हें अभी सही तरह से ट्रेनिंग देने की जरूरत है। कई बार वे लोग पॉइंट के बाद डबल जीरो लिखने के बजाय जल्दीबाजी में सीधे डबल जीरो लिख देते हैं जिसकी वजह से पेमेंट में गड़बड़ी हो जाती है। यदि अटेंडेंट को सही तरह से प्रक्षिशित किया जाए तो इस तरह की सभी समस्याएं को दूर किया जा सकता है।

इस समस्या को स्थाई रुप से दूर करने के लिए एकमात्र यही उपाय है कि पूरे प्रोसेस को ऑटोमैटिक किया जाए और मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम कर दिया जाए। फ्यूल पंप, बिल काउंटर और इस तरह की डिवाईसेज सीधे ही पीओएस मशीन से कनेक्टेड हो ताकि ग्राहक उसे खुद चेक कर उतना ही पैसा ट्रांसफर कर सकें जितना की बिल बना है।

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