अब 31 अक्टूबर तक भर सकेंगे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR), इसके बाद देना होगा जुर्माना

सरकार ने लगभग सभी श्रेणियों के टैक्सपेयर्स और नॉनटैक्सपेयर्स के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है। सभी श्रेणियों के लिए अलग-अलग तिथि निश्चित की गई है।

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आयकर विभाग के निर्देशानुसार देश के सभी सक्षम आयकरदाताओं को प्रति वर्ष इनकम टैक्स रिटर्न भरना होता है। हर वर्ष रिटर्न फाइल करने के लिए सरकार डेडलाइन की घोषणा करती है, इस वर्ष भी सरकार ने डेडलाइन तय की थी जो जा चुकी है। हालांकि वेतनभोगियों के लिए सरकार ने आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दिया गया है। इसी तरह बिजनेस करने वाले व्यापारियों तथा अन्य लोगों के लिए भी इस सीमा को आगे बढ़ा दिया गया है।

वेतनभोगियों के लिए यह है नई डेडलाइन

सरकार ने लगभग सभी श्रेणियों के टैक्सपेयर्स और नॉनटैक्सपेयर्स के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है। सभी श्रेणियों के लिए अलग-अलग तिथि निश्चित की गई है।

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ऐसे वेतनभोगी कर्मचारी जो केवल तनख्वाह के आधार पर ही इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं, उनके लिए अंतिम तारीख 31 जुलाई थी जिसे बढ़ा कर अब 31 अक्टूबर कर दिया गया है। यदि वे 31 अक्टूबर तक आयकर विवरणी भर देते हैं तो उन पर किसी तरह का कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।

क्या होगा यदि 31 अक्टूबर तक नहीं भर पाएं रिटर्न

यदि किसी कारणवश ऐसे लोग 31 अक्टूबर तक भी इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भर पाते हैं तो वे 31 दिसंबर 2022 तक अपना रिटर्न भर सकेंगे, हालांकि इसके लिए उन्हें पेनल्टी के रूप में कुछ राशि देनी होगी, साथ ही वापिस मिलने वाले ब्याज या सेटऑफ के लाभ से भी वंचित होना पड़ सकता है। इस तरह भरी गई रिटर्न को लेट रिटर्न, बिलेटेड रिटर्न या रिवाइज्ड रिटर्न कहा जाता है।

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इन लोगों के लिए भी बढ़ा दी गई है समय सीमा

HUF या AOP या BOI यानि जिनके खाते की ऑडिटिंग नहीं होनी है, के लिए भी अंतिम समय सीमा को बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दिया गया है। इसी प्रकार ऐसे व्यापारी जिनकी टीपी रिपोर्ट आवश्यक है, 30 नवंबर तक अपनी ITR भर सकेंगे। ऐसे व्यापारी जिनके खातों को ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है, के लिए भी रिटर्न भरने की आखिरी तिथि को बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2022 कर दिया गया है परन्तु उन्हें इसके लिए 5000 रुपए लेट फीस के रूप में जमा करवाने होंगे।

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