अब चिकनगुनिया से नहीं होगी मौत! दुनिया को मिला पहला टीका

दुनिया के लिए खुश खबरी है कि चिकनगुनिया का पहला टीका मिल गया है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस टीके ‘इक्स्चिक’ को मंजूरी दे दी है।

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न्यूयॉर्क। दुनिया के लिए खुश खबरी है कि चिकनगुनिया का पहला टीका मिल गया है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस टीके ‘इक्स्चिक’ को मंजूरी दे दी है। 18 साल से ज्यादा के उम्र के लोगों के लिए इस टीके को मंजूरी मिली है। एफडीए ने कहा है कि 18 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को चिकनगुनिया का खतरा ज्यादा होता है।

इक्स्चिक नाम के इस टीके को 18 साल या उससे अधिक उम्र के उन लोगों के लिए अप्रूव किया गया है। दरअसल, ये एक ऐसी बीमारी की रोकथाम का काम करेगी, जिसका उपचार अभी पूरी तरह नहीं हो सकता है। खास बात यह है कि इस टीके का सफल परीक्षण भी किया जा चुका है। जिन लोगों पर टेस्ट हुआ वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

इंजेक्शन के जरिए दी जाएगी वैक्सीन

इक्स्चिक वैक्सीन यूरोप की वेलनेवा कं पनी बनाएगी और इसे इंजेक्शन के जरिए दिया जाएगा। इसकी एक डोज ही दी जाएगी। इस वैक्सीन को उत्तरी अमेरिका में दो क्लिनिकल स्टडीज के बाद तैयार किया गया है।

एक स्टडी में 18 साल से ज्यादा उम्र के 3,500 लोगों को इस वैक्सीन की खुराक दी गई। दूसरे अध्ययन में करीब 1,000 लोगों को टीका लगाया गया। टीका लेने वालों को साइड इफे क्ट के तौर पर सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, बुखार जैसी परेशानी हुई।

परीक्षण में प्रतिक्रियाएं

परीक्षण के दौरान 1.6% लोगों को ही गंभीर प्रतिक्रियाएं भी दर्ज की गई, लेकिन वे ठीक हो गए। इनमें से केवल दो को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी थी, वे भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। हालांकि वैक्सीन लेने वाले कुछ लोगों में लंबे समय तक चिकनगुनिया जैसी प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं रहीं, जो कम से कम 30 दिनों तक रहीं।

एफडीए का कहना है कि दनिु या भर में इस बीमारी का प्रसार बढ़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक ब्राजील में इस साल अब तक चिकनगुनिया के सबसे अधिक 2,18,613 मामले सामने आए हैं। भारत समेत दूसरे देशों में भी इसके मामले लगातार देखे गए हैं।