पेड़ों पर चढ़ जाते थे ‘निंबाडोन’ भालू, 1.5 करोड़ साल पुराने जीवाश्म से खुलासा

मेलबॉर्न। एक नए अध्ययन में पश्चिमोत्तर क्वींसलैंड के वानयी क्षेत्र के विश्वप्रसिद्ध ‘रिवरस्लेघ वर्ल्ड हेरिटेज एरिया’ से विशाल भालू जैसी ‘धाणी प्राणी’ के 1.5 करोड़…

'Nimbadon' bears used to climb trees, revealed from 15 million years old fossil

मेलबॉर्न। एक नए अध्ययन में पश्चिमोत्तर क्वींसलैंड के वानयी क्षेत्र के विश्वप्रसिद्ध ‘रिवरस्लेघ वर्ल्ड हेरिटेज एरिया’ से विशाल भालू जैसी ‘धाणी प्राणी’ के 1.5 करोड़ साल पुराने जीवाश्म के अध्ययन से ऐसा किया है। (धाणी प्राणी कोई भी ऐसा पशु है जिसमें मादा बच्ची को पेट पर बनी थैली में रखती है।) पेड़ों पर रहनेवाले ‘धाणी प्राणी’ को ‘निंबाडोन’ कहा जाता था और उसका वजन करीब 70 किलोग्राम था। यह आस्ट्रेलिया से अब तक ज्ञात, पेड़ों पर रहने वाला सबसे बड़ा स्तनधारी जीव था। उनमें वे बड़े-बड़े जानवर हैं जो कभी धरती पर रहते थे। उनमें ढाई टन का ड्रिप्रोटोडोन शामिल है।

आधुनिक जीवों में संबंध ‘वुम्बैट’ से 

निंबाडोन का संबंध काफी पहले विलुप्त हो चुके विशालकाय धाणी प्राणी के भिन्न समूह ‘डिप्रोटोडोन्टोइड्स’ से है। आधुनिक जीवों में निंबाडोन का काफी हद तक संबंध ‘वुम्बैट’ से है। लेकिन अब भी बड़े अचरज की बात है कि शरीर के आकार एवं जीवन शैली की दृष्टि से वे दक्षिणपूर्व एशिया में पाए जाने वाले भूरे भालू से काफी मिलते जुलते हैं जो आजकल दक्षिणपूर्व एशिया के वर्षाच्छादित वनों में पेड़ों पर चढ़ते देखा जा सकता है।

हथेलियां और पंजे घुमावदार 

शाेधकर्ता अब निंबाडोन को उसके संपूर्णक काल जान चुके हैं। थैली में उसकी शैशवावस्था से लेकर उसके पूर्ण वयस्क जीव बनने तक के चरण समझ चुके हैं। पता चला है कि मजबूत बाजुओं के साथ ही उसके कंधों और कुहनियों के जोड़ काफी लचीले थे। पेड़ों पर चढ़ने के लिए उसकी जो पेड़ों की छाल में घुसने और शाखाओं को पकड़ने में सक्षम थे। इसीलिए इन जीवों को पेड़ों पर चढ़ने में महारत हासिल थी।

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