ये कैसी मां! बेटे को चाकू से उतारा मौत के घाट, फिर खा गई उसका सिर…

मिस्र। एक मां के लिए उसकी संतान से बढ़कर कुछ नहीं होता है। वह हमेशा उसे अपने दिल से लगाए रखना चाहती है। लेकिन, मिस्र…

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मिस्र। एक मां के लिए उसकी संतान से बढ़कर कुछ नहीं होता है। वह हमेशा उसे अपने दिल से लगाए रखना चाहती है। लेकिन, मिस्र में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मां अपने 5 साल के बच्चे की हत्या कर उसका सिर खा गई। अपने ही बेटे को चाकू से काटकर उसके सिर का हिस्सा खाने वाली मां को अदालत ने आपराधिक रूप से पागल घोषित कर दिया है। आरोपी महिला का नाम हना मोहम्मद हसन (29) है।

महिला पर अपने बेटे यूसुफ की नृशंस हत्या का मुकदमा चल रहा था। लेकिन, न्यायाधीशों ने फैसला सुनाया कि आरोपी महिला अपनी पैरवी करने के लिए सही हालत में नहीं है। इसके बजाय, अदालत ने तय किया कि उसने अपने बेटे को ‘पागलपन की स्थिति में’ होने के बाद मार डाला था और उसे एक सुरक्षित मनोरोग इकाई में हिरासत में रखने का आदेश दिया। इसके बाद वहां की एक कोर्ट ने 30 सितंबर को महिला को पागल घोषित कर दिया। अब उसे मेंटल हॉस्टिपटल में रखा जाना चाहिए।

सबूत मिटाने की कोशिश में बेटे को टुकड़ों में काटा…

पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी महिला ने एक चाकू लिया और फिर अपने बेटे के सिर पर तीन बार वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई। हना ने सबूत मिटाने की कोशिश में यूसुफ के शरीर को टुकड़ों में काटा। खाना पकाने से पहले स्टोव पर उबलते पानी में बेटे का सिर और मांस के दूसरे टुकड़े डाले और खा लिए।

परिवार को पानी की बाल्टी में शव के टुकड़े मिले…

कोर्ट ने अपने फैसले में बताया कि आरोपी हना मोहम्मद हसन ने अपने बेटे युसूफ को चाकू से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद उसके सिर को पानी की बाल्टी में डाल दिया। यूसुफ की हत्या के मामले में उसकी मां पर तब शक हुआ जब बच्चे के चाचा ने घर की बाल्टी में उसके शरीर के कुछ टुकड़े देखे। इसके बाद महिला से पूछताछ की गई। पुलिस ने कहा कि उसने गिरफ्तारी के बाद अपने बेटे के सिर का हिस्सा खाने की बात कबूल की है। उसने बताया कि वो हमेशा अपने बच्चे के साथ रहना चाहती थी इसलिए ऐसा किया।

बेटे के साथ अकेले रहती थी आरोपी मां…

हना मोहम्मद हसन ने अपनी गिरफ्तारी के बाद फाकुस पुलिस को बताया कि वह मानसिक बीमारी से पीड़ित है और उसका इरादा अपने बच्चे को नुकसान पहुंचाने का इरादा बिल्कुल भी नहीं था। पति को तलाक देने के बाद से महिला अपने बेटे के साथ अकेले रही थी। उसके पति ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वे इसलिए अलग हो गए थे, क्योंकि हसन चाहता था कि वो उसके माता-पिता के साथ उनसे विरासत में मिली जमान पर रहें। इससे हना ने इनकार कर दिया था। हसन ने दावा किया कि तलाक के बाद उसने हना के साथ सुलह करने की कोशिश की, लेकिन उसने इनकार कर दिया।

प्लानिंग के तहत हत्या को दिया अंजाम…

सुनवाई के दौरान अभियोजकों ने अदालत को तर्क दिया कि हना हसन ने इसलिए वारदात को अंजाम दिया क्योंकि उसे डर था की कहीं उसके बेटे की कस्टडी उसके पूर्व पति के पास ना चली जाए। वहीं इस मामले में आरोपी मां की एक प्रारंभिक मनोरोग रिपोर्ट से पता चला है कि उसने जानबूझकर और बड़ी ही प्लानिंग के साथ इस कृत्य को अंजाम दिया। उसने एक मोटी लकड़ी और छुरी ली, सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दीं। इसके बाद उसने अपने बेटे के सिर पर तीन बार वार किया था। सबूत मिटाने की कोशिश में उसने बेटे के शरीर के कई टुकड़े कर दिए थे।

हालांकि, अदालत ने उसके पागलपन का अधिक गहन मूल्यांकन करने का आदेश दिया। अदालत द्वारा नियुक्त मनोचिकित्सक विशेषज्ञों के एक पैनल ने बताया कि महिला को “भ्रम” था। उसका मानना ​​था कि रिश्तेदार उसके बेटे के खिलाफ जादू-टोना का इस्तेमाल कर रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह मानसिक रूप से कमजोर थी। वह अपने कार्यों की गंभीरता को समझने में असफल रही और हत्या को एक साधारण गलती मानती थी।