खनिजों की खोज के लिए निजी क्षेत्र को मिल सकेगा लाइसेंस, लोकसभा में बिल को मंजूरी

विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए खान और कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि यह विधेयक खनिज क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी हो सकता है।

Lok Sabha | Sach Bedhadak

नई दिल्ली। लोकसभा ने शुक्रवार को ‘खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023’ (Mines and Minerals Amendment Bill 2023) को मंजूरी दी जिसमें जमीन के नीचे मौजूद कुछ महत्वपूर्ण खनिजों के संदर्भ में निजी क्षेत्र को लाइसेंस दिए जाने का प्रावधान है। सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से अपनी स्वीकृति प्रदान की। विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए खान और कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि यह विधेयक खनिज क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली इस सरकार में हर क्षेत्र में बदलाव लाया जा रहा है और वह देश के हित में है। जोशी ने कहा कि यह बदलाव देश में दिख रहा है और इसी कारण देश की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गई है। चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि इस विधेयक से नौकरशाही संबंधी बाधाएं खत्म हो जाएंगी तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में आगे जाने में मदद मिलेगी।

विधेयक में यह किए गए प्रावधान 

‘खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023’ केंद्र सरकार को कु छ महत्वपूर्ण खनिजों के लिए विशेष रूप से खनन पट्टे और समग्र लाइसेंस की नीलामी करने का अधिकार देता है। प्रस्तावित संशोधन महत्वपूर्ण खनिजों के लिए अन्वेषण के सभी क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाएगा। जोशी ने यह विधेयक गत बुधवार को लोकसभा में पेश किया था।

दल बदल विरोधी कानून में संशोधन का प्रस्ताव नहीं 

सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि दल बदल विरोधी कानून में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है। लोकसभा में धर्मेन्द्र कश्यप के प्रश्न के लिखित उत्तर में विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह जानकारी दी। सदस्य ने पूछा था कि क्या सरकार दल बदल विरोधी कानून को मजबूत करने की योजना बना रही है। मेघवाल ने कहा,भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची अर्थात दल परिवर्तन रोधी कानून में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है।

पांच साल में कोई नया आईआईटी-आईआईएम नहीं खुला 

सरकार ने राज्यसभा को बताया कि पिछले पांच वर्ष में देश में कोई नया भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नहीं खोला गया है। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उच्च सदन को यह जानकारी दी। उनसे पूछा गया था कि विगत पांच वर्ष में किन-किन शहरों और किस वर्ष में नए आईआईटी और आईएमएम खोले गए? इसके जवाब में कहा गया कि वर्तमान में देश में 23 आईआईटी और 20 आईएमएम कार्यरत हैं। 

पिछले पांच वर्ष में कोई नया आईआईटी और आईएमएम नहीं खोला गया है। उन्होंने बताया कि देश में 2018-19 के दौरान 17 राज्य सरकारी विश्वविद्यालय, 40 राज्य निजी विश्वविद्यालय और तीन कें द्रीय विश्वविद्यालय खोले गये। इसी प्रकार 2019-20 के दौरान 14 राज्य सरकारी विश्वविद्यालय, 18 राज्य निजी विश्वविद्यालय और एक समवत (डीम्ड) विश्वविद्यालय और एक कें द्रीय विश्वविद्यालय खोला गया।

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