Amarnath Yatra : प्रलय के बाद फिर बहाल हुई अमरनाथ यात्रा, जवानों ने रातों-रात तैयार किया गुफा तक जाने वाला ट्रैक

Amarnath Yatra : अमरनाथ गुफा के पास आए जलसैलाब के दो दिन बाद अब फिर से यात्रा को बहाल कर दिया गया है। जम्मू से…

amarnath yatra track

Amarnath Yatra : अमरनाथ गुफा के पास आए जलसैलाब के दो दिन बाद अब फिर से यात्रा को बहाल कर दिया गया है। जम्मू से यात्रियों के जत्थे को रवाना कर दिया गया। प्रलय के बाद यात्रा मार्ग में ही ठहरे यात्रियों को पहले भेजा गया है। बता दें कि बीते शुक्रवार को बादल फटने से आए सैलाब के बाद यात्रा को रोक दिया गया था। इस जलप्रलय में 16 श्रद्धालुओं  की मौत हो गई थी, वहीं 50 से ज्यादा लोग अभी लापता हैं।

यात्रा की बहाली के बीच राहत-बचाव का अभियान जारी

अमरनाथ यात्रा को दोबारा बहाल कर दिया गया है इसी बीच दुर्घटना में लापता हुए लोगों की खोज का अभियान जारी है। NDRF, SDRF, भारतीय सेना के जवान बचाव और राहत मिशन पर युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं। बीते दिन भी सुरक्षाबल यात्रा मार्ग को दुरस्त करने में जुटे रहे, ताकि यात्रा की बहाली के बाद कोई परेशानी न हो। खस्ताहाल ट्रैक को काफी हद तक ठीक कर दिया गया है, संभव है कि कल यानि मंगलवार तक यात्रा को पूरी तरह बहाल कर दिया जाए।

‘दर्शन करके ही वापस घर लौटेंगे’

अमरनाथ गुफा के पास हुए भीषण तबाही के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था डिगी नहीं है। वे पूरे जोश के साथ मार्ग पर ही टिके हुए हैं, साथ ही कह रहे हैं, कि भोलेबाबा के दर्शन करने आए हैं, उनका आशीर्वाद लेकर ही जाएंगे, इसके बगैर हम घर वापस नहीं जाएंगे। वहीं रविवार को अमरनाथ की गुफा के आस-पास पूजा की गई। और प्रलय में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की गई। गुफा के पास बने शिविरों में भक्तों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखने के लिए प्रशासन भी तैयार नजर आ रहा है।   

9 जुलाई की शाम को मची थी गुफा के पास तबाही

बता दें कि बीती शाम लगभग 5 बजे अमरनाथ गुफा (Amarnath cave) के पास बादल फटा था। इससे पहले जब तेज बारिश शुरू हो गई थी, उसके बाद ITBP ने श्रद्धालुओं से अपील की थी कि वो अपने टेंट छोड़कर दूसरी जगहों पर चले जाएं। लेकिन जैसे ही बादल फटा वहां मौजूद श्रद्धालुओं में हाहाकार मच गया। बादल फटने के जो वीडियो सामने आए हैं, वो बहुत ही डरावने हैं। अमरनाथ गुफा के पास ही बहुत तेज पानी की धारा फूट गई। पानी के सैलाब में दो दर्जन से अधिक टेंट और तीन लंगर बह गए।

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