टीचर ने क्लास में क्यों करवाई मुस्लिम बच्चे की पिटाई? बच्चा और उसके पिता क्या बोले ? पूरी कहानी यहां

टीचर ने क्लास में क्यों करवाई मुस्लिम बच्चे की पिटाई? बच्चा और उसके पिता क्या बोले ? पूरी कहानी यहां

New Project 2023 08 26T170559.530 | Sach Bedhadak

मुजफ्फरनगर। उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में महिला टीचर ने मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने की घटना से यूपी की सियासत में उबाल आ गया। यहां नेहा पब्लिक स्कूल में एक महिला टीचर एक मुस्लिम बच्चे को कक्षा के अन्य स्टूडेंट्स से पिटवा रही है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। छोटे बच्चे की पिटाई के वीडियो ने पूरे देश को झकझोर रख दिया।

वीडियो में तृप्‍ता त्यागी नाम की यह महिला असल में उस स्कूल की प्रिंसिपल है। वीडियो में महिला टीचर एक मुस्लिम बच्चे को क्लास में खड़ा कर दूसरे बच्चों से थप्पड़ लगवा रही है। वीडियो में वह किसी से बात करती दिख रही हैं। वहीं कई आपत्तिजनक शब्द बोल रही है। वीडियो में अपशब्द भी सुनाई देते हैं। सोशल मीडिया पर यह‍ वीडियो शेयर होने लगा तो लोग कांप उठे। हैरान थे कि धर्म की नफरत ऐसी गहरी घर कर गई है कि स्‍कूल और छोटे-छोटे बच्चे भी शिकार हो रहे हैं। कई लोगों ने चिंता जाहिर की कि पीड़ित बच्चे के कोमल मन पर इस अपमान की छाप ताउम्र रह जाएगी।

वहीं, टीचर तृप्ता त्यागी ने वायरल वीडियो पर सफाई देते हुए कहा कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। साथ ही टीचर ने अपनी गलती मान ली है। महिला टीचर ने आरोप लगने के बाद मीडिया के सामने आकर ये भी बताया कि आखिर क्यों बच्चे को दूसरे बच्चों से पिटवाना पड़ा? तृप्ता त्यागी का कहना है कि बच्चा होमवर्क करके नहीं लाया था, इसकी सजा दी। वीडियो एडिट करके फैलाया गया। पुलिस ने घटना की शिकायत दर्ज कर ली है।

बता दें कि शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के एक स्‍कूल का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर होना शुरू हुआ। एक महिला टीचर ने टेबल याद न करने पर बच्चे को उसके सहपाठियों से थप्पड़ लगवाए।

पिता बोले-यह हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं…

वहीं मुजफ्फरनगर के वीडियो में दिख रहे बच्चे के पिता का कहना है कि यह कोई हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं है। बच्चे के पिता ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, ‘मेरा बेटा 7 साल का है। यह घटना 24 अगस्त की है। शिक्षक ने छात्रों से मेरे बच्चे को बार-बार पिटवाया। मेरे भतीजे ने वीडियो बनाया, वह किसी काम से स्कूल गया था… मेरे 7 साल के बच्चे को एक-दो घंटे तक प्रताड़ित किया गया। वह डरा हुआ है… यह कोई हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं है।

क्या है वीडियो में…

वीडियो में दिख रही महिला टीचर असल में नेहा पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल तृप्ता त्यागी हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में अपना पक्ष रखा। महिला टीचर ने बताया, ‘वीडियो को एडिट करके वायरल किया गया है। हमारे यहां हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के साथ रहते हैं। हमारे स्कूल में कई छात्र मुस्लिम हैं, उस दिन वह बच्चा अपना होमवर्क करके नहीं लाया था और बच्चे के परिजनों के तरफ से कहा गया था कि इसपर सख्ती बरतें। मैं विकलांग हूं इसलिए मैंने अन्य 2-3 छात्रों से पिटाई करवाई ताकि वह होमवर्क कर ले क्योंकि परीक्षा आने वाली है। वह 2 महीने से अपना होमवर्क नहीं करके आ रहा था। मैंने वायरल वीडियो में कहा था मुहम्मदन मां को अपने बच्चों को उनके मामा के घर नहीं ले जाना चाहिए क्योंकि परीक्षा नजदीक आ रही है। लेकिन उन्होंने इस वीडियो को काट दिया।’

नेहा पब्लिक स्‍कूल मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र में है। मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से एक बयान जारी किया गया। मुजफ्फरनगर के डीएम अरविंद मल्लप्पा ने बताया कि वीडियो कल (शुक्रवार) शाम से प्रसारित हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘पूछताछ करने पर पता चला कि वीडियो बच्चे के चचेरे भाई ने बनाया था। शुक्रवार सुबह उनकी शिकायत दर्ज की गई। बाल कल्याण समिति बच्चे को काउंसलिंग दे रही है। चूंकि शिकायत दर्ज कर ली गई है इसलिए कार्रवाई की जाएगी।’

इसके अनुसार, खुब्बापुर गांव स्थित स्कूल की अध्यापिका द्वारा एक छात्र के स्कूल का कार्य न करने पर उसे कक्षा के अन्य छात्रों से पिटवाने और उसके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने की घटना के संबंध में पीड़ित छात्र के परिजनों की तहरीर पर मंसूरपुर पुलिस द्वारा सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बयान में यह स्पष्ट नहीं किया है कि अध्यापिका के खिलाफ किन धाराओं में FIR दर्ज की गई है।

मुजफ्फरनगर कांड पर सियासत में उबाल…

इस वीडियो के सामने आने के बाद सियासत में उबाल आ गया है। इस घटना को लेकर कई नेताओं ने टिप्पणी की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर (X) पर कहा कि ‘मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का जहर घोलना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफरत का बाजार बनाना एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता। यह भाजपा का फैलाया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा रखी है। बच्चे भारत का भविष्य है- उनको नफरत नहीं, हम सबको मिलकर मोहब्बत सिखानी है।’

पूर्व सीएम ने महिला टीचर को बर्खास्त करने की मांग की

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महिला टीचर को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। अखिलेश यादव ने लिखा, ‘भाजपा और आरएसएस की नफरती राजनीति, देश को यहां ले आई! मुजफ्फरनगर में एक अध्यापिका अल्पसंख्यक समाज के बच्चे को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मरवा रही। मासूमों के मन में जहर घोलने वाली शिक्षिका को तुरंत बर्खास्त किया जाए। उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।’

भाजपा सांसद ने कहा-देश के भविष्य का सवाल

पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा, ‘ज्ञान के मंदिर में एक बच्चे के प्रति घृणा भाव ने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया है। शिक्षक वो माली है, जो प्राथमिक संस्कारों में ज्ञान रूपी खाद डालकर व्यक्तित्व ही नहीं, राष्ट्र भी गढ़ता है। इसलिए दूषित राजनीति से परे एक शिक्षक से उम्मीदें कहीं अधिक हैं। देश के भविष्य का सवाल है।’

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी ने पीड़ित के पिता से टेलीफोन पर बात की और आश्वासन दिया कि अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।​

AIMIM चीफ बोले-बच्चे को मजहब की बुनियाद पर पीटा जा रहा

एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से लिखा कि उत्तर प्रदेश के एक स्कूल में टीचर एक मुसलमान बच्चे को क्लास के बाकी बच्चों से पिटवा रही है और इसपर खुश भी हो रही है। उन्होंने कहा कि बाकी जगह तो ऐसी वीडियो पर तुरंत एक्शन लिया जाता है, लेकिन यहां क्या हो गया? एक नोटिस तक जारी नहीं किया।

ओवैसी ने कहा कि बच्चों पर जुल्म हो रहे हैं, लेकिन पुलिस आरोपी को जाने देती है। ऐसे में पुलिस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? मध्य प्रदेश सरकार ने एक छोटी सी बात पर एक स्कूल पर बुलडोजर चला दिया था। यहां एक बच्चे को उसके मजहब की बुनियाद पर पीटा जा रहा है और एक कड़ी निंदा वाला ट्वीट तक नहीं आता।

यूपी बीजेपी के प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने पीटीआई से कहा, ‘सपा प्रमुख का मुजफ्फरनगर के स्कूल की घटना को लेकर किया गया ट्वीट वोट की सतही राजनीति है और समाज में वैमनस्य पैदा करने का घृणित राजनीतिक एजेंडा है।’ हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने कहा, ‘हम सभी विद्यार्थी पहाड़ा याद न करने, गणित के सवाल सही हल न करने या लिखावट अच्छी न होने के कारण स्कूल में शिक्षकों द्वारा दंडित किए जाते रहे हैं। यह छात्रों में अनुशासन लाने और उनकी प्रतिभा निखारने की सहज प्रक्रिया रही है।’

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