बाढ़ में बह गए ‘ममता’ के सपने, सतीश पूनिया को लिखी चिट्ठी और किताबें लेकर पहुंच गए कार्यकर्ता

सतीश पूनिया ने बाड़मेर में 11वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा ममता के बिपरजॉय तूफान के बाद मदद करते हुए किताबें और जीविकोपार्जन के संसाधन पहुंचाए हैं.

sb 1 67 | Sach Bedhadak

जयपुर: राजस्थान में बीजेपी के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया पद से हटने के बाद भी लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं. कभी पूनिया बिपरजॉय तूफान से प्रभावित गांवों का जमीनी सर्वे करते हैं तो लगातार वह जनता दरबार में लोगों की समस्याओं पर जनसुनवाई करते हैं. इसी कड़ी में पूनिया ने हाल में बाड़मेर की एक बच्ची की पढ़ने में मदद कर मिसाल पेश की है जहां बाड़मेर जिले में 11वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा ममता के बिपरजॉय तूफान के बाद बाढ़ से हुए नुकसान में किताबें और जीविकोपार्जन के संसाधन बह जाने पर पूनिया ने बच्ची तक मदद पहुंचाई है.

दरअसल पिछले दिनों बाड़मेर जिले के दौरे पर छात्रा ममता ने पूनिया को चिट्ठी लिखकर मदद की गुहार लगाई थी. इसके बाद सतीश पूनिया ने ममता की चिट्ठी पर अमल करते हुए मंगलवार को चौहटन प्रधान रूपाराम और वरिष्ठ कार्यकर्ता रणजीत के माध्यम से ममता तक किताबें, बैग और अन्य स्टेशनरी सामान पहुंचाते हुए आर्थिक सहायता भी प्रदान की है.

मालूम हो कि बीते दिनों क्रिकेट खेलते हुए प्रदेश की कई बेटियों के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए थे जहां इन बेटियों की मदद के लिए भी सतीश पूनिया आगे आए थे और उन्होंने बाड़मेर की मूमल, प्रतापगढ़ की रेणुका और टोंक की सिमरन को कार्यकर्ताओं के माध्यम से क्रिकेट किटें भिजवाई थी.

तूफान में बही ममता की किताबें और बकरियां

दरअसल बिपरजॉय तूफान के बाद बाड़मेर की ममता की किताबें और अन्य जीवकोपावर्जन का सामान बह गया जिसके बाद ममता ने पूनिया को चिट्ठी लिखकर मदद करने को कहा और आगे पढ़ने की इच्छा जाहिर की. इस पर सतीश पूनिया ने ममता की चिट्ठी को ट्वीट कर कहा था कि बच्ची ममता आगे पढ़ना चाहती है इसलिए मैं हमारे कार्यकर्ताओं के जरिये उन्हें मदद पहुंचवा रहा हूं.

वहीं उन्होंने सभी से आह्वान भी किया था कि समाज के तौर पर हम बच्चियों की शिक्षा में जहां भी सहयोग कर सकें जरूर करें. बता दें कि ममता के घर में सिर्फ ममता और उनकी मां है जहां ममता की मां लकड़ियां काटकर जीविकोपार्जन चलाती हैं.

पूनिया ने फोन पर की ममता से बात

वहीं ममता को किताबें पहुंचाने के बाद सतीश पूनिया ने उनसे फोन पर बात की, कहा, अच्छे से पढ़ाई करो बिटिया और जो भी मदद बन पड़ेगी आगे भी मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी मिली कि आपकी किताबें और बकरियां बह गई थी बाढ़ में, आगे जो भी मदद की बात हो प्रधान रूपाराम और रंजीत इत्यादि जो कार्यकर्ता आए हैं इनको आप बताना हरसंभव मदद करेंगे और पढ़ाई में आपको कभी दिक्कत नहीं आएगी, निश्चिंत होकर पढ़ाई करो.

इसके अलावा ममता ने फोन पर पूनिया से छात्रवृत्ति और पालनहार योजना में नाम जुड़वाने के लिए राज्य सरकार से बात करने की भी गुहार लगाई जिसके बाद पूनिया ने ममता को आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार व प्रशासन से इस बारे में बात कर मदद करवाएंगे.

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