भीलवाड़ा में पति-पत्नी का दिनदहाड़े कत्ल, 50 लोगों के सामने चाकू से गोदा…जिसने देखा खूनी मंजर कांप गई रुह

भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा में फिल्मी स्टाइल में बाइक पर आए तीन बदमाशों ने एक दंपती की हत्या कर भागे बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार…

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भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा में फिल्मी स्टाइल में बाइक पर आए तीन बदमाशों ने एक दंपती की हत्या कर भागे बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को रावतभाटा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हत्याकांड को अंजाम देकर आरोपी एक मंदिर स्थित धर्मशाला में ठहरे हुए थे। आरोपियों की लोकेशन मंदिर स्थित धर्मशाला की ट्रेस होने पर रावतभाटा थानाधिकारी रजनीश गुर्जर ने मय पुलिस दल के साथ दबिश देकर तीनों आरोपियों भेरू गुर्जर, दिनेश और करण को घेराबंदी कर पकड़ लिया।

बता दें कि गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे तीनों बदमाश ने दंपती पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में महिला अनीता उर्फ अनु (30) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, उसका पति जितेंद्र उर्फ जीतू (35) गंभीर घायल हो गया। जितेंद्र को आनन-फानन में झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया। लेकिन, रास्ते में ले जाते समय जितेंद्र ने भी दम तोड़ दिया।

जानकारी के मुताबिक, भवानी मंडी के गांधीनगर कॉलोनी निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू करीब 12 बजे अपनी पत्नी अनीता उर्फ अनु का चेपअप करवाने के लिए भवानी मंडी के लीला अस्पताल में आया था। इस मामले में हैरान कर देने वाली बात यह है जिस जिस जगह दोनों पति-पत्नी बैठे थे, वहां 50-60 लोग भी मौजूद थे। उनकी आंखों के सामने ये सबकुछ होता रहा, लेकिन वहां मौजूद लोगों में से किसी ने भी दंपती की मदद नहीं की।

इस पूरी घटना में सामने आया कि पुरानी रंजिश के चलते बदमाशों ने जितेंद्र और उसकी पत्नी हत्या की है। आरोपी करीब एक महीने से जितेंद्र को धमका रहे थे। जितेंद्र इस मामले को लेकर पुलिस को भी इसकी शिकायत की थी। लेकिन, पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया।

जानिए- आखिर क्या है मामला…

जानकारी के अनुसार, जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू भीलवाड़ा जिले के सुनेल थाना क्षेत्र के मालपुरा गांव का रहने वाला था। वह पिछले 15 साल से भवानीमंडी के गांधी नगर कॉलोनी में रह रहा था। जितेंद्र फाइनेंस का काम करता था। गुरुवार को पत्नी अनिता उर्फ अनु की तबीयत खराब होने पर वह उसे करीब 12 बजे एक भवानी मंडी के लीला अस्पताल में लेकर आया।

यहां दोनों हॉस्पिटल के वेटिंग हॉल में बैठे डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान दोपहर करीब 1:00 बजे तीन बदमाश बाइक पर सवार होकर अस्पताल पहुंचे। उनके हाथ में लाठी थी, जिनपर कांटेदार तार लगे हुए थे। तीनों बदमाशों ने वहां जीतू से मारपीट करने लगे।

अस्पताल में मौजूद एक युवक ने नाम ना बताने के शर्त पर बताया कि उनमें से एक बदमाश हिस्ट्रीशीटर भैरू गुर्जर है। भैरू गुर्जर ने जितेंद्र के पैरों पर लाठियों से मारा, जिससे उसके दोनों पैर लहुलूहान हो गए।

डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि करीब 4 महीने पहले जितेंद्र ने भैरू गुर्जर को लेकर शिकायत दर्ज करवाई थी। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच रंजिश चल रही थी। भैरू गुर्जर ने गोचर जमीन पर कब्जा किया हुआ था। भवानी मंडी में ही जितेंद्र का दोस्त विक्रम इस कब्जे का विरोध कर रहा था।

करीब 4 महीने मई 2023 में भैरू गुर्जर ने विक्रम को विवादित जमीन पर बुलाया और मारपीट की। इसके बाद विक्रम ने जितेंद्र से मदद मांगी। घटना के दो दिन बाद को विक्रम और जितेंद्र ने 50 से ज्यादा लोगों के साथ मिलकर गोशाला के नाम से किए गए अतिक्रमण पर तोड़-फोड़कर आग लगा दी थी। इस मामले में पुलिस ने भवानी मंडी थाने में केस दर्ज किया था। इसके बाद प्रशासन ने किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाया था।

तभी से भैरू और जितेंद्र के बीच दुश्मनी चल रही थी। इसी का बदला लेने के लिए भैरू ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर गुरुवार दोपहर हॉस्पिटल में हमला कर दिया। झालावाड़ एसपी ऋचा तोमर के अनुसार इस मामले में भैरु गुर्जर के अलावा करण गुर्जर और दिनेश का नाम सामने आया है।

चश्मदीद ने बताया- कैसे बेखौफ आए बदमाश…

अस्पताल में मौजूद एक चश्मदीद ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दोपहर करीब एक बजे वह हॉस्पिटल के वेटिंग हॉल में था। करीब 10-15 मिनट बाद हॉस्पिटल में जोर-शोर से चिल्लाने की आवाजें आई। वहां जाकर देखा तो कुछ लोग एक व्यक्ति से मारपीट कर रहे थे। उनके हाथों में चाकू, बेस बॉल का बैट और लोहे का सरिया भी था शायद। इसके बाद जो हुआ वह अब तक फिल्मों में ही देखा है। हकीकत में उस मंजर को याद करते ही रुह कांप जाती है।

तीन बदमाशों ने उस आदमी पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इसी दौरान युवक की पत्नी ने बीच बचाव किया तो उस पर भी चाकू से हमला कर दिया। उसकी गर्दन पर चाकू से हमला कर दिया। वह चीखती हुई अंदर की ओर आई और कुछ ही सेकेंड में वह नीचे गिर गई। तड़प-तड़प कर महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

इधर, महिला की पति भी मारपीट से बुरी तरह से घायल हो गया और उसका पूरा शरीर लहुलुहान हो गया। घटना के दौरान लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। बदमाश इतने बेखौफ थे कि जैसे उन्हें पकड़े जाने या किसी के आने का डर ही नहीं था। इसके बाद वे तेजी से भाग गए। किसी में हिम्मत नहीं हुई कि उन्हें रोके। घटना के कुछ देर बाद हॉस्पिटल में सन्नाटा छा गया। इसके बाद डॉक्टर्स ने महिला को संभाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी।

हमले के 30 मिनट बाद जितेंद्र ने तोड़ा दम

बदमाशों के फरार होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जितेंद्र की हालत गंभीर होने पर झालावाड़ रेफर कर दिया, लेकिन झालावाड़ राजकीय अस्पताल पहुंचने से पहले ही जितेंद्र ने दम तोड़ दिया। भवानी मंडी सीएचसी के डॉक्टरों ने बताया कि हमलावरों ने जितेंद्र पर 12 बार चाकू से हमला किया। वहीं, महिला के गर्दन पर चाकू मारा जिससे उसकी सांस लेने की नली कट गई। इस वजह से उसकी मौके पर ही मोत हो गई।

जितेंद्र ने चार महीने पहले बताया था जान को खतरा…

इस पूरे मामले में एक चौंकाने वाली जानकारी यह भी सामने आई है कि भैरु गुर्जर कई दिनों से जितेंद्र को मारने की धमकी दे रहा था। इसको लेकर जितेंद्र ने 28 मई भवानीमंडी थाने में एक परिवाद भी दिया था। इसकी रिपोर्ट दर्ज हुई थी, लेकिन इसके बाद पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया और यह वारदात हो गई।

पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर बदमाशों को दबोचा…

डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए पूरे शहर में नाकाबंदी की गई थी। पुलिस ने अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज जब्त किए। क्योंकि इन सीसीटीवी फुटेज में सब कुछ साफ दिखाई दे रहा है। वहीं मृतक जितेंद्र के मामा ऋषिराज सिंह ने आरोपी भैरू गुर्जर, करण गुर्जर और दिनेश भील के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई है। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीमें गठित की। पुलिस ने तीनों आरोपियों को रावतभाटा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हत्याकांड को अंजाम देकर आरोपी एक मंदिर स्थित धर्मशाला में ठहरे हुए थे।
आरोपियों की लोकेशन मंदिर स्थित धर्मशाला की ट्रेस होने पर रावतभाटा थानाधिकारी रजनीश गुर्जर ने मय पुलिस दल के साथ दबिश देकर तीनों आरोपियों भेरू गुर्जर, दिनेश और करण को घेराबंदी कर पकड़ लिया।

तीन बच्चों के सिर से उठा मां-बाप का साया…

जीतू और अनु की दो बेटी और एक बेटा है। सबसे बड़ी बेटी सपना कुमारी (14), दीक्षा कुमारी (10) और गुलशन कुमार (8) साल का है। वारदात के समय तीनों बच्चे स्कूल से घर लौटे ही थे। बच्चों को जैसे ही पूरी घटना पता चली तो उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया। घटना के बाद मध्यप्रदेश के सोयत से आए इनके मामा इन्हें साथ लेकर चले गए।