केंद्र में आरक्षण की मांग…अब भरतपुर और धौलपुर के जाट करेंगे बड़ा आंदोलन, सरकार को चेतावनी

भरतपुर और धौलपुर के जाटों ने केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की मांग को लेकर आवाज बुलंद कर दी है। आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की बैठक हुई है।

Rajasthan Police 2023 12 21T141211.667 | Sach Bedhadak

Bharatpur News: भरतपुर और धौलपुर के जाटों ने केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की मांग को लेकर आवाज बुलंद कर दी है। आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरक्षण की मांग जल्द पूरी नहीं होने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी। भरतपुर – धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा है कि भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों के लिए केंद्र में आरक्षण की मांग 1998 से चली आ रही है।

लंबे समय से चल रही आरक्षण की मांग

नेम सिंह फौजदार का कहना है कि वर्ष 2013 में केंद्र में मनमोहन सिंह सरकार बनी। केंद्र ने भरतपुर धौलपुर जिलों और अन्य 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण दिया था, लेकिन 2014 में जब केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट की मदद से 10 अगस्त 2015 को केंद्र और राज्य में भरतपुर-धौलपुर के जाटों का ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया गया। लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 23 अगस्त 2017 को प्रदेश के दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दे दिया गया, लेकिन केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की हमारी मांग तभी से जारी है।

पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने लिखा था केंद्र को पत्र

सितंबर 2021 में जब जाटों ने चक्का जाम का ऐलान किया था तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 दिसंबर 2021 को दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिशी पत्र लिखा था. इसके बाद हम दिल्ली ओबीसी आयोग से भी मिले और केंद्र सरकार के मंत्री से भी मिले, लेकिन अभी तक दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया गया है।

25 दिसंबर को एक बड़ी बैठक आयोजित की जाएगी

भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने एक बैठक का आयोजन किया. बैठक में निर्णय लिया गया कि कल से ही पीले चावल देकर निमंत्रण देना शुरू कर दिया जाएगा, 25 दिसंबर को महाराजा सूरजमल शहीदी दिवस पर जगह-जगह नुक्कड़ सभाएं आयोजित की जाएंगी और फिर एक बड़ी सभा का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।