58 साल की उम्र में मां बनने का सपना हुआ पूरा, महिला ने जुड़वा बच्चों को दिया जन्म

बीकानेर। राजस्थान में 58 साल की उम्र में मां बनने का इंतजार कर रही एक महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है। बीकानेर के…

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बीकानेर। राजस्थान में 58 साल की उम्र में मां बनने का इंतजार कर रही एक महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है। बीकानेर के एक निजी अस्पताल में आईवीएफ यानी इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक से जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। जिनमें एक बेटा है और एक बेटी है। दोनों बच्चों के साथ जन्म देने वाली उनकी मां भी पूरी तरह स्वस्थ है।

IVF की मदद से 58 साल की महिला बनी मां

जानकारी के अनुसार, बीकानेर की 58 साल की महिला ने करीब 2 साल तक इलाज कराया और तब जाकर सफलतापूर्वक गर्भधारण कर वह मां बनी है। मां बनी महिला का नाम शेरा भादू है। 58 साल की उम्र में मां बनने का सपना पूरा करने वाली डॉक्टर का नाम डॉक्टर शेफाली दाधीच है। वे निजी अस्पताल में डॉक्टर हैं और आईवीएफ तकनीक की मदद से भी मां बनने का सपना पूरा करते हैं।

घर में गूंजी किलकारी, 2 बच्चों को दिया जन्म…

महिला के जुड़वां बच्चे होने के बाद डॉक्टर शेफाली ने बताया कि शेरा भादू उनके पास करीब 2 साल पहले आई थी। इन 2 साल के दौरान उन्होंने गंभीरता से इलाज लिया। करीब एक साल तक उनके हार्मोन सही करने के लिए ट्रीटमेंट जारी रखा और उसके बाद आईवीएस की तकनीक से उनका इलाज किया। इस तकनीक के बाद अब शनिवार को उनका प्रसव कराया गया है। मां और उसके दोनों जुड़वां बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

डॉक्टरों के लिए थी बड़ी चुनौती…

डॉक्टर शेफाली ने बताया कि कई बार बहुत से कारणों से महिलाओं को गर्भधारण में परेशानी होती है। सामान्य यह परेशानी उम्र करीब 30 साल बाद होती है। लेकिन, 30 साल बाद भी आईवीस की मदद से 50 साल तक अच्छे परिणाम आते हैं। लेकिन, जब शेरा भादू उनके पास आई और उन्होंने कहा कि वह मां बनना चाहती हैं तो डॉक्टर भी चौक गए। क्योंकि उसकी उम्र 50 साल से ज्यादा थी। ऐसे में डॉक्टरों के लिए यह बड़ी चुनौती थी।

50 साल बाद महिला के मां बनने की उम्मीद बहुत कम होती है, लेकिन आईवीएफ की मदद से हम सफल हुए। हमने आईवीएफ की तकनीक से उन्हें गर्भधारण कराया गया, अब वह मां बन गई है। परिवार में उत्सव सा माहौल है।

डॉ शेफाली ने कहा कि 50 साल की उम्र के बाद मां बनना आईवीएस की तकनीक से भी संभव पूरी तरह नहीं है, लेकिन 58 साल की उम्र में इस तरह के परिणाम देख कर सब लोग दंग हैं। अब तकनीक ने ज्यादा उम्र में भी महिलाओं के मां बनने के सपने को पूरा करना शुरू कर दिया है।

क्या है IVF प्रक्रिया

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) को पहले टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से जाना जाता था। इस ट्रीटमेंट में महिला के अंडों और पुरुष के शुक्राणुओं को मिलाया जाता है। जब भ्रूण बन जाता है, तब उसे महिला के गर्भ में रख दिया जाता है। यह प्रक्रिया काफी जटिल और महंगी है, लेकिन यह उन लोगों के लिए वरदान है, जो कई साल से गर्भधारण की कोशिश कर रहे हैं।

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