Rajasthan Election: अलवर में कहीं बागी को टिकट…किसी को मिला धैर्य का ईनाम, तिजारा सीट पर चौंकाया

राजस्थान में बीजेपी ने सोमवार को अपने प्रत्याशियों की 41 नामों की सूची जारी कर दी है। अलवर जिले से इन 41 नामों में से तीन नाम शामिल है।

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में बीजेपी ने सोमवार को अपने प्रत्याशियों की 41 नामों की सूची जारी कर दी है। अलवर जिले से इन 41 नामों में से तीन नाम शामिल है। पार्टी ने बानसूर से देवी सिंह शेखावत पूर्व यूआईटी चेयरमैन, अलवर ग्रामीण से पूर्व विधायक जयराम जाटव और तिजारा से सांसद बाबा बालकनाथ को टिकट दिया है। आएइ जानते है इन तीन सीटों और इनके प्रत्याशियों के बारें में…

दो बार कटा टिकट, फिर भी नहीं की बगावत

अलवर ग्रामीण से भाजपा ने पूर्व विधायक जयराम जाटव को प्रत्याशी बनाया है। जयराम जाटव पूर्व में दो बार विधायक रहे चुके है। 2003 में खैरथल से बीजेपी विधायक बने उसके बाद जिले में परिसीमन हो गया और सीट अलवर ग्रामीण अलवर एससी/एसटी के लिए रिजर्व हो गई। इसके बाद पार्टी ने विधायक रहते हुए जयराम जाटव का टिकट काट दिया था।

इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने एक बार फिर जयराम जाटव को टिकट दिया और उन्होने अपने सामने टीकाराम जूली को हरा कर जीत हासिल की थी। बार फिर 2018 के चुनाव में भाजपा ने जयराम जाटव का टिकट काट दिया था। उसके बाद भी लगातार जयराम क्षेत्र में सक्रिय रहे। 2018 के चुनाव में अलवर ग्रामीण से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। अब एक बार फिर से भाजपा ने अलवर ग्रामीण से जयराम जाटव को टिकट देकर अपना विश्वास जताया है।

बागी को बानसूर से मौका

अलवर यूआईटी के पूर्व चेयरमैन देवी सिंह शेखावत को भाजपा ने बानसूर से टिकट दिया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं मिलने से नाराज देवी सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे थे। चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर शानदार प्रर्दशन करते हुए दूसरे नबंर पर रहे थे। यहां से कांग्रेसी की शकुंतला रावत ने जीत हासिल की थी। जबकि चुनाव में भाजपा प्रत्याशी महेंद्र यादव तीसरे नबंर पर रहे थे।

तिजारा से मैदान में सांसद बालकनाथ

तिजारा से भाजपा ने अपना प्रत्याशी सांसद बाबा बालकनाथ को बनाया है। बाबा बालकनाथ 2019 में पहली बार सांसद बने। वह कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को हराकर पहली बार संसद पहुंचे। वह नाथ संप्रदाय के महत्वपूर्ण स्थान मस्तनाथ मठ के महंत भी हैं। 38 साल के बाबा बालकनाथ ने अलवर और आसपास के इलाकों में मजबूत राजनीतिक पकड़ बना ली है।

पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराकर अच्छी छाप छोड़ी थी। इसके बाद वह लगातार पार्टी और जनता के बीच सक्रिय रहे हैं। जानकारों की माने तो बाबा बालकनाथ की बहरोड़ से टिकट लेने की चर्चा थी लेकिन, बीजेपी ने उनको तिजारा से मैदान में उतार कर सभी को चौंका दिया है।